रिटायर्ड IAS को मिली Election Commission की कमान, जानें कौन हैं ज्ञानेश कुमार और सुखबीर संधू
चुनाव आयोग: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति वाली समिति ने आज गुरुवार 14 मार्च को चुनाव आयुक्त के रूप में पंजाब के पूर्व महासचिव सुखबीर सिंह संधू और केरल के ज्ञानेश कुमार का नाम तय किया है। समिति में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसकी जानकारी दी है। वर्तमान समय में तीन सचिवालय चुनाव आयोग में केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ही थे। वहीं, पिछले महीने चुनावी कमिश्नर अनूप चंद्रा पांडे का कार्यकाल खत्म हो गया था और अरुण गोयल ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके आयोग में दो स्थान खाली थे।
समिति में सरकार का बहुमत
प्रधानमंत्री, कार्टूनिस्ट और डेमोनिज़ में सबसे बड़े दल के नेता की समिति चुनाव आयुक्त तय करती है। पिछले वर्ष एक लॉ लेक सरकार ने इस समिति के माध्यम से चयन प्रक्रिया तय की थी। नेता कांग्रेस अधीर रंजन चौधरी ने समिति के काम पर सवाल उठाए हैं? उन्होंने कहा कि ”किससे नाम होगा इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी गई थी। इसके अलावा समिति में सरकार का बहुमत है।”
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चयन करना कठिन था
उन्होंने आगे कहा कि ”बैठक से ठीक है 10 मिनट पहले उन्हें 212 मोटरसाइकिलों की सूची मिली थी। तीन कम समय में नामित लोगों की सत्यनिष्ठा और अनुभव के बारे में सूची में प्रभाव के बारे में पता चला था। उन विकल्पों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया नीचे दी गई है: अपनी दोस्ती और अपना ‘आशामती नोट’ दर्ज करें।”
ज्ञानेश कुमार आईएएस अधिकारी
ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के एक आईएएस अधिकारी हैं। बता दें कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय में कश्मीर डिवीजन के उस वक्त इन आरोपों पर आरोप लगाया था कि जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के सिद्धांत 370 को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया था। मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया था। 1988 बैच के, आईएएस ज्ञानेश कुमार मई, 2022 में जिला मंत्रालय के सचिव बनाये गये।
उन्हें संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव पद पर तैनात किया गया था। कुमार ने मंडल में मंडल कुमार सिंह की प्रतिकृति बनाई थी। सिंह भी केरल कैडर के ही एमएस बनाए गए थे जिनमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की बहाली हुई थी। ज्ञानेश कुमार की सर्विस उमर के बाद भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। Vo 31 जनवरी, 2024 को लिया गया। पहले गृह मंत्रालय और फिर मंत्रालय, दोनों मंत्रालयों के सचिव के तौर पर उन्होंने मंत्री अमित शाह के साथ मिलकर काम किया। शाह इन दोनों मंत्रालयों के मंत्री हैं।
कौन हैं सुखबीर संधू?
सुखबीर संधू 1998 बैच के मझौले आईएएस अधिकारी हैं। 2021 में जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने पुष्प सिंह धामी तब प्रदेश के मुख्य सचिव के पद पर सुखबीर संधू ही थे। वह पहले संधू राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकारी के शव और मानव संसाधन मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग में एडीशनल सीबीएसई की भूमिका में भी रहे थे।
सुखबीर संधू ने अमृतसर के नेशनल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी से इतिहास में मास्टर डिग्री हासिल की है। उनके पास लॉ की डिग्री भी है। संधू ने रिसर्च पेपर्स पर ‘अर्बन रिफॉर्म्स’ और ‘म्यूनिसिपल लेजर एंड कपैसिटी बिल्डिंग’ भी लिखी है। लौंडी नगर निगम के कमिश्नर ने अपनी सेवाओं के लिए संधू को राष्ट्रपति पद से नवाजा भी था।
इलेक्टोरल आयोग के मुखिया
इलेक्ट्रॉनिक्स आयोग के मुखिया यानी देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं। उन्होंने 15 मई, 2022 को भारत के प्रमुख चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। इससे पहले 1 सितंबर, 2020 को चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। राजीव कुमार 1984 बिहार-झारखंड कैडर के आईएएस हैं। सार्वजनिक इंटरनैशनल इंटरनैशनल सेलेक्शन बोर्ड के पद, केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव और स्थापना अधिकारी के पद भी नियुक्त होते हैं।
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