May 2, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

CAA को लेकर Kejriwal-Mamta के बयानों पर Amit Shah का करारा जवाब- सिर्फ हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी…

0
CAA

Amit Shah: नागरिकता संशोधन कानून CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही देशभर में लागू हो गया है। लोगों तो CAA का स्वागत करते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन विपक्ष है कि इसका विरोध करते नहीं थक रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगातार CAA को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी के साथ अब अपनी चुप्पी तोड़ते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने केजरीवाल पर हमला बोला है। अमित शाह ने कहा कि ‘दिल्ली के CM अपने भ्रष्टाचार के उजागर होने से अपना आपा खो चुके हैं।’

CAA से चोरी, डकैती और रेप बढ़ेंगे

बता दें कि CAA को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि ”पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग भारत आएंगे, जिससे चोरी, डकैती और रेप जैसी वारदातें बढ़ेंगी।” इस पर अमित शाह ने कहा कि ”केजरीवाल को शायद मालूम नहीं है कि ये सभी लोग भारत आ चुके हैं, भारत में ही रह रहे हैं, बस उन्हें अधिकार नहीं मिला है। उन्हें वो अधिकार ही देना है। ऐसे में 2014 तक जो गैर मुस्लिम शरणार्थी भारत आ गए हैं, उन्हें नागरिकता देनी है. अगर केजरीवाल को इतनी ही चिंता है तो वे क्यों बांग्लादेशी घुसपैठियों की बात नहीं करते? रोहिंग्या मुसलमानों का विरोध क्यों नहीं करते? इसलिए नहीं करते क्योंकि वो वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।”

Also Read: One Nation-One Election: राष्ट्रपति को सौंपी गई रिपोर्ट, एक देश-एक चुनाव से होगा किसको लाभ?

 लोहे के चने चबाने जैसा

शाह ने कहा कि ‘‘दिल्ली का चुनाव केजरीवाल के लिए लोहे के चने चबाने जैसा है इसलिए वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। साथ ही शाह ने केजरीवाल से कई सवाल किए जैसे- क्या बांग्लादेशी घुसपैठिए नौकरी का अधिकार नहीं छीन रहे हैं? रोहिंग्या नहीं छीन रहे हैं। इनके लिए तो आप कभी नहीं बोले। सिर्फ हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई शरणार्थियों का ही आप विरोध कर रहे हैं।”

शाह ने आगे कहा कि ‘‘केजरीवाल 1947 के विभाजन के बैकग्राउंड भूल गए हैं। उन्हें शायद उन शरणार्थियों के परिवारों के साथ चाय पीनी चाहिए।। अरबों-खरबों रुपयों की संपत्ति छोड़कर भारत आए थे और यहां दिल्ली में सब्जियों की दुकानें लगाई। इन लोगों के मन में संवेदना नहीं है। वो समझते नहीं हैं कि अगर वहां धर्म के आधार पर इन महिलाओं का गौरव छीना जाए, अपमानित किया जाए। क्या करेंगे वो? इनकी वेदना हम भी नहीं सुनेंगे? पचास के दशक, साठ के दशक, अस्सी के दशक में आ गए और आज भी इन्हें नागरिकता नहीं मिली है। बच्चों को अस्पताल में दाखिला नहीं मिलता, ढंग की नौकरी नहीं मिलती। अपने नाम से प्रॉपर्टी नहीं खरीद सकते। मतदान नहीं कर सकते क्यों?”

जो आएंगे, हम सबको नागरिकता देंगे

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि ”लोहे के चने चबाने विभाजन का फैसला उन्होंने नहीं लिया था। कांग्रेस पार्टी ने लिया था। उस वक्त सबने कहा था कि जो आएंगे, हम सबको नागरिकता देंगे अब अपने वादे से मुकर जाना, कम से कम मैं मानता हूं कि हमें मंजूर नहीं है। इनकी संवेदनाओं को बीजेपी भी महसूस करती है, इस देश के प्रधानमंत्री भी महसूस करते हैं और मानते हैं कि इनकी 75 साल की वेदनाओं का अंत कभी न कभी आना चाहिए।”

1947 से ज्यादा बड़ा माइग्रेशन

दरअसल अरविंद केजरीवाल ने CAA का विरोध करते हुए बुधवार को कहा था कि ”पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में तीन करोड़ से अधिक अल्पसंख्यक रहते हैं। एक बार भारत अपने दरवाजे खोल देगा तो इन देशों से बड़े पैमाने पर लोग भारत आ जाएंगे।” इससे 1947 से भी बड़ा माइग्रेशन बताया और कहा कि ”इससे देश में चोरी, डकैती और रेप की घटनाएं बढ़ेगी।”

मैं जान देने के लिए तैयार हूं

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा था कि ”वह किसी भी हाल में बंगाल में CAA को लागू नहीं होने देंगी। उन्होंने यह भी कहा था कि CAA का सीधा संबंध NRC से है। ये मत भूलिए, यह कानून NRC से संबंधित है। हम पश्चिम बंगाल में एनआरसी, डिटेंशन कैंप की अनुमति नहीं देंगे। हम किसी को भी बंगाल में लोगों के अधिकार छीनने की इजाजत नहीं देंगे। इसके लिए मैं अपनी जान देने के लिए तैयार हूं।”

 

Also Read: हिंदू शरणार्थियों का केजरीवाल पर फूटा गुस्सा, CAA को लेकर ऐसा क्या बोल गए दिल्ली के CM?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *