Lok Sabha Election 2024: चुनाव लड़ने के लिए सिंगापुर से लौटी लालू की M.B.B.S बेटी
Lok Sabha Election 2024: बिहार की राजनीति में एक और नाम जुड़ गया है। बिहार के राजनेता व राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बेटी रोहिणी आचार्य ( Rohini Acharya) का। रोहिणी आचार्य बिहार की सारण सीट से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरेंगी। रोहिणी ने आज यानी 2 अप्रैल से अपने जनसंपर्क अभियान का आगाज करने का ऐलान भी कर दिया है।
मंदिर पहुंची लालू की लाड़ली
राजनीति की शुरुआत हरिहरनाथ दर्शन के साथ लालू यादव की बेटी आज से चुनावी मैदान में उतरने जा रही हैं। प्रचार अभियान के शुरू करने से पहले रोहिणी अपने पिता लालू यादव, माता राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के साथ हरिहरनाथ मंदिर दर्शन के लिए पहुंचीं और पूजा-अर्चना भी की।
दोनों बहनों ने डॉक्टरी की है
बता दें कि रोहिणी आचार्य पेशे से डॉक्टर हैं। रोहिणी ने अपनी स्कूली शिक्षा पटना से ही पूरी की है। रोहिणी का जन्म स्थान भी पटना ही है। स्कूली शिक्षा हासिल करने के बाद रोहिणी अपनी आगे की पढ़ाई के लिए शहर से बाहर गईं थीं। स्कूली पढ़ाई खत्म करने के बाद रोहिणी ने जमशेदपुर के महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज से डॉक्टरी की डिग्री हासिल की। लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती ने भी यहीं से डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की है। साल 2022 में अपने पिता लालू यादव की तबीयत खराब होने पर रोहिणी ने उन्हें किडनी देकर जीवनदान दिया था।
साल 2002 में हुई थी शादी
साल 2002 में रोहिणी की शादी समरेश सिंह से हुई थी। समरेश सिंह पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उस दौरान वह अमेरिका में जॉब किया करते थे। शादी के बाद रोहिणी कई सालों तक सिंगापुर में ही रही हैं और वह चुनाव लड़ने के लिए बिहार लौट चुकी हैं। बता दें कि साल 2022 में ही रोहिणी ने अपने पिता को किडनी देकर उनकी जान बचाई थी।
राजनीतिक डेब्यू पर बोलीं रोहिणी आचार्य
एक चैनेंल के साक्षात्कार के जरिए रोहिणी ने अपने राजनीतिक डेब्यू को लेकर कई बातें कहीं उन्होंने कहा कि ‘’सिंगापुर से ही हम सबके नाक में दम किए हुए थे राजनीतिक में शामिल होने के लिए। अब सारण की धरती पर आ गए हैं तो सारण की पूरी जनता मेरा साथ देगी’’। रोहिणी आचार्य ने दावा करते हुए कहा कि ‘’सारण की जनता इस बार बदलाव के लिए पूरी तरह से तैयार है’’। उन्होंने कहा कि माताएं, बहनें और बुजुर्ग, सभी तैयार हैं।
सारण में लालू का दबदबा
सारण सीट पर लालू परिवार का बेहद प्रभाव माना जाता है। इसी सीट से साल 1977 में लालू यादव पहली बार जीतकर संसद पहुंचे थे। इस सीट पर 2004 में लालू यादव ने रूडी को हरा दिया था और सारण से तीसरी बार संसद बने थे। 2009 में भी लालू यादव ने इसी सीट से चुनाव जीता था, लेकिन 2014 और 2019 में बीजोपी प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा था।
रण में भाजपा का कमल खिलेगा?
वहीं बीजेपी ने सारण सीट पर अपने मौजूदा सांसद और कद्दावर पार्टी नेता राजीव प्रताप रूडी को ही फिर से उम्मीदवार बनाया है। बीजेपी नेता राजीव प्रताप रुडी ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सारण से जीत दर्ज कर अपनी पकड़ जमाने में कायम रहे हैं। सवाल यही है क्या बेटी के दम पर लालू की पार्टी सारण सीट से वापसी कर पाएगी? या जनता का भरोस बीजेपी जीतने में कायमयाब होगी और इस बार सारण में भाजपा का कमल खिलेगा?
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