जानें क्यों हुआ पत्रकार निखिल वागले पर हमला, ऐसा क्या बोल गए वागले?
Nikhil Wagle: महाराष्ट्र के पत्रकार निखिल वागले के खिलाफ पुणे पुलिस ने मामला दर्ज किया है। बता दें कि निखिल वागेल पर यह मामला पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के फैसले की आलोचना करने पर दर्ज हुआ है। आरोप यह है कि वागले ने आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा के बाद आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वहीं निखिल की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद यह खबर भी सामने आई है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वागले की कार पर स्याही फेंकी और नारेबाजी करते हुए कार का शीशा भी तोड़ दिया।
स्याही फेंकी, नारेबाजी, तोड़फाड़
खबरों से पता चला है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उस कार पर स्याही फेंकी, जिसमें वागले और दो अन्य- असीम सरोदे और विश्वंभर चौधरी, यहां सिंघड़ रोड इलाके में राष्ट्र सेवा दल द्वारा आयोजित ‘निर्भय बनो’ कार्यक्रम के लिए पुलिस सुरक्षा के तहत यात्रा कर रहे थे। अब इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कार पर स्याही फेंकी और नारेबाजी करते हुए कार का शीशा भी तोड़ दिया।
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आरोपी पर यह धाराएं लगाई गई
गिरफ्तारी के बाद से ही निखिल वागले सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे हैं। वहीं कुछ लोग उनका बचाव भी कर रहे हैं। वागले के खिलाफ पुणे के विश्रामबाग थाने में मामला दर्ज हुआ है। उनके खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 153ए, 500 और 505 लगाई हैं। पुलिस के अनुसार शिकायत मिलने के बाद मामला दर्ज किया है। इसकी जांच की जा रही है।
वागले की रैली हुई कैंसिल
निखिल वागले के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी रैली ‘निर्भय बनो’ को स्थगित कर दिया गया है। खबर है कि पुणे बीजेपी ने पुलिस से इस रैली को अनुमति नहीं देने की मांग की थी। अपने खिलाफ कार्रवाई होने पर पत्रकार निखिल वागले ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ”दोस्तो! चाहे कुछ भी हो, मुलाकात तो होकर रहेगी। फिलहाल हम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से घिरे हुए हैं। वागले को पुलिस ने डिटेन किया हुआ है।”
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