CIPLA Story : गरीबों की कंपनी पर होगा अब अमीरों का अधिकार, बिकने जा रही है देश के फार्मा सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी सिप्ला, अंग्रेजों को देती थी टक्कर

देश की सबसे बड़ी कंपनी ‘सिप्ला’ आज मुश्किलों में है। देश के फार्मा सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी सिप्ला यानी CIPLA (The Chemical Industrial And Pharmaceutical Laboratories) बिकने जा रही है.। इस कंपनी को बहुत से विदेशी ख़रीदना चाहते है मगर नहीं खरीद पा रहे है, क्योंकि बताया जा रहा है कि ब्लैकस्टोन नमक कंपनी सिप्ला को खरीदने में सबसे आगे निकल रही है। इस कंपनी को शुरू करने वाले ख्वाजा हमीद की फैमिली इसमें पूरी 33.47 फीसदी हिस्सा बेच रही है।
साल 1935 में हुई थी शुरुआत
सिप्ला को बनाने का मोटिव गरीब और जरुरत बंद लोगो को काम पैसो में सही दवाई देना था। और इस काम को अब्दुल हमीद (Abdul Hamied) ने शुरू की थी, उन्ही ने इस कंपनी सिप्ला का भी निर्माण किया था। उनकी सबसे खास बात ये रही है कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और भारत में दवाई की कंपनी बनाने की नीव रखी। भारत में पहले छोटी से छोटी बीमारी के लिए बाहर से दवाईयां मंगाई जाती थी। विदेशों से दवाईयां समय पर नहीं आती थी तो भारत के लोगो को बहुत सी मुश्किलों सामना करना पड़ता था, इससे कई जरुरी दवाईयां जरुरतमंदो को नहीं मिल पाती थी।
सिप्ला की शुरूवात अब्दुल हमीद ने की थी, भारतीय दवा कंपनी सिप्ला लिमिटेड के चेयरमैन डॉ यूसुफ के हामिद ने एक दशक पहले वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय को विद्युतीकरण किया था, अब्दुल हमीद ने इस कंपनी के लिए बड़े सपने देखे थे, जो की अब टूटते हुए नजर आ रहे है। इन्होने अपनी कंपनी सिप्ला की शुरुआत मुंबई से की थी । इन्होने अपनी शुरुआत में ही धमाल मचा दिया था और उसी का नतीजा सामने है की सिप्ला देश की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है, जो तीसरे नंबर पर आती है।
केमिस्ट से कारोबारी बने अब्दुल हमीद
आखों में बड़ा सपना लिए हमीद ने इसकी शुरुआत मुंबई से की थी। शुरुआत करने के बाद से ही इन्होने फार्मा के छेत्र में धमाल मचा दिया। 60 के दशक में कंपनी खूब आगे बढ़ने लगी और 1968 में इस्सकी इनकम 1 करोड़ के पर पहुंच गयी, 90 के दशक में 1991 तक कंपनी का बिजनेस 100 करोड़ रुपये के पार हो गया था। सबसे खास बात ये कि सिप्ला की शुरुआत से पहले भारत में कंपनियों का चलन अच्छा नहीं चल रहा था।