May 12, 2024

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Fake Vedio: अमित शाह के फेक वीडियो वाले मामले में तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को नोटिस, पुलिस के हाथ लगा एक शख्स

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Amit Shah Fake Vedio

Amit Shah Fake Vedio

Fake Vedio: दिल्ली पुलिस ने रविवार 28 अप्रैल को बीजेपी और गृह मंत्रालय की शिकायत पर अमित शाह के एडिटेड वीडियो को फैलाने वाले मामले को लेकर FIR दर्ज की थी। पुलिस की ने अमित शाह के फेक वीडियो को फैलाने वाले सभी लोगों के खिलाफ IPC की धारा 153/153A/465/469/171G और IT एक्ट की धारा 66C के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा था कि इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले सभी लोगों के खिलाफ पूरे देशभर में कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना चाहिए। अब इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सोमवार 29 अप्रैल तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को नोटिस करते हुए 1 मई को अपना पक्ष रखने को कहा है। वहीं इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई है।

पुलिस के हाथ कामयाबी

पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने असम से रीतोम सिंह नाम के व्यक्ति को केंद्रिय मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो वाले मामले में आज 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया है। इसकी जानकारी स्वंय असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए दी है। इससे पहले दिल्ली पुलिस की ओर से तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी को नोटिस जारी किया गया, साथ ही अपना फोन भी लाने को कहा गया है। रेवंत रेड्डी ने भी अपने एक्स अकाउंट से अमित शाह के फेक वीडियो को शेयर किया था। उनके आलावा तेलंगाना कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट समेत पार्टी के कई नेताओं ने इस वीडियो को शेयर किया था।

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रेवंत रेड्डी को भेजा नोटिस

वहीं खबरें हैं कि पुलिस ने इस मामले में रेवंत रेड्डी को उन सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ बुलाया है, जिनका वो इस्तेमाल करते हैं। फेक वीडियो शेयर करने वाले कुछ कांग्रेसी नेताओं सहित पांच लोगों को भी पुलिस ने तलब किया है। कांग्रेस की प्रवक्ता आसमा तस्लीम को भी अमित शाह का फेक वीडियो फैलाने के मामले में नोटिस दिया गया है। इस फेक वीडियो को रविवार को झारखंड कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया था। दिल्ली पुलिस उन सोशल मीडिया हैंडल्स को नोटिस भेजेगी, जिन्होंने मंत्री अमित शाह के कथित रूप से छेड़छाड़ कर वीडियो को अपलोड या शेयर किया है।

सोशल मीडिया जांच में जुटी पुलिस 

जांच के तहत पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और मेटा से उन सभी अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी, जिन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के फेक वीडियो को अपलोड या शेयर किया था। खबरों के अनुसार एक नई पुलिस टीम को गठित किया गया है ताकी जल्द से जल्द आरोपियो का पता लगा उन्हें पकड़ा जा सके। इस मामले में आगे की कार्रवाई पर चर्चा के लिए आज दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर में एक हाई लेवल मीटिंग की गई है।

पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की

दरअसल इस मामले में 28 मार्च को दिल्ली पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की। गृहमंत्री अमित शाह के आरक्षण खत्म करने संबंधित फर्जी वीडियो को लेकर शिकायतें की गई थीं। एक शिकायत भारतीय जनता पाईटी की केंद्रीय यूनिट द्वारा दी गई थी। दूसरी शिकायत गृह मंत्रालय की तरफ से की गई थी।

इन धाराओं के तहत केस दर्ज

इन दोनों शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस की साइबर विंग आईएफएसओ यूनिट ने IPC की धारा 153- दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना, IPC की धारा 153A- धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, IPC की धारा 465- जालसाजी, IPC की धारा 469- किसी भी पार्टी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी रचना, IPC की धारा 171G- चुनाव परिणाम को प्रभावित करने के इरादे से गलत बयान को प्रकाशित करना, IT एक्ट की धारा 66C- किसी की पहचान की चोरी, धोखधड़ी और बेइमानी के तहत केस दर्ज करके जांच में जुट गई।

असल में भाषणा क्या था? 

दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में यह कहा गया है कि, “ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिससे समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है। इससे सार्वजनिक शांति और व्यवस्था के मुद्दों पर असर पड़ने की संभावना है। अनुरोध है कि कृप्या कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें”। गृहमंत्री अमित शाह ने SC/ST या OBC के लिए आरक्षण खत्म करने की बात नहीं की है। वीडियो पूरी तरह फर्जी है। अमित शाह ने जनता से अपने पुराने भाषण में कहा था कि ‘‘सरकार बनते ही बीजेपी मुस्लिम समुदाय को दिए जा रहे असंवैधानिक आरक्षण को हटा देगी”।

इस मामले में क्या बोले प्रधानमंत्री

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अमित शाह के फेक वीडियो पर अपनी बात रखी है। पीएम ने कहा है कि “यह क्लिप लोकतंत्र प्रेमी हर व्यक्ति को शर्मशार करने वाली है। जो लोग NDA से काम के आधार पर राजनीतिक लड़ाई नहीं लड़ पा रहे हैं, वे अब सोशल मीडिया पर फेक वीडियो फैला रहे हैं।

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए मेरी आवाज, अमित शाह की आवाज और जेपी नड्डा की आवाज में ऐसी बातें बुलवा रहे हैं, जो हमने कभी सोची भी नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि, “ये लोग ऐसे वीडियो जारी कर के देश में तनाव पैदा करना चाहते हैं। यह लोग चाहते हैं कि आने वाले महीने में कुछ अनहोनी घटनाएं घटें, जिसके लिए खेल खेले जा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग कठोर कार्रवाई करे”।

 

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