Lok Sabha Elections 2024: ”कैसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल”… खरगे ने पीएम को पत्र लिखकर निकाली भड़ास
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासत में खूब गरमा-गर्मी देखने को मिल रही है। पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोप करने में लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विपक्ष पर निशाना साधने में लगे हैं। पीएम ने ऐसा बोल दिया की विपक्ष अब उस बयान से फंसता नजर आ रहा है।
चारों तरफ विपक्ष पर जमकर हमला बोला जा रहा है। इस संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज गुरुवार 25 अप्रैल 2024 को पत्र लिखा है। खरगे ने पत्र के जरिए पीएम को समझाना चाहा है कि वह घोषणा-पत्र ‘न्याय-पत्र’ में क्या है? पहले उसे अच्छे से समझे ताकि कोई गलत बयान न दें।
विपक्ष के नेता ने चिट्ठी लिखी
विपक्ष के नेता ने चिट्ठी में लिखा है कि- ”मुझे उम्मीद है कि आप इस लेटर को सकारात्मक रूप में लेंगे। पिछले कुछ दिनों में दी गई आपके कुछ भाषणों और बयानों से न तो मुझे झटका लगा और न ही मैं हैरान हुआ। इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि आप और आपकी पार्टी के नेता चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद इसी अंदाज में बात करेंगे”।
पीएम को दे डाली चेतावनी
उन्होंने पीएम को चेतावनी देते हुए आगे कहा गया- ”यह आपकी आदत बन गई है कि आप कुछ शब्दों को संदर्भ के बाहर ले ले जाते हैं और सांप्रदायिक विभाजन करते हैं। आप ऐसा कर के अपने पद की गरिमा को कम कर रहे हैं। जब यह सब खत्म हो जाएगा, तब लोग याद करेंगे कि देश के पीएम ने चुनाव हारने के डर से कैसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया था”।
मंगलसूत्र बयान पर भड़के
खरगे ने पत्र में पीएम मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान का भी जिक्र करते हुए लिखा है कि ”आज आप गरीब और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के मंगलसूत्र की बात करते हैं। क्या आपकी सरकार मणिपुर में महिलाओं और दलित लड़कियों के साथ हुए अत्याचार के साथ बलात्कारियों को माला पहनाए जाने के लिए जिम्मेदार नहीं है?
आपकी सरकार के कार्यकाल में जब किसान आत्महत्या कर रहे थे, तब आप उनकी पत्नियों और बच्चों की कैसे सुरक्षा कर रहे थे? कृपया न्याय पत्र के बारे में पढ़िए, जो कि हमारे सत्ता में आने के बाद लागू किया जाएगा”।
गलत सूचना न दें
चिट्ठी के अंत वाले भाग में लाल घेरे में हाइलाइट किया गया और इसमें लिखा है कि, ‘‘कांग्रेस के न्याय-पत्र का मकसद सभी जातियों और समुदायों से ताल्लुक रखने वाले युवा, महिला, किसानों, श्रमिकों और हाशिए पर पड़े हुए लोगों को न्याय मुहैया कराना है। आपको आपके ‘सलाहकार’ हमारे मैनिफेस्टो को लेकर गलत सूचना दे रहे हैं।
देश के प्रधानमंत्री गलत बयानबाजी न करें, इसलिए मुझे आपसे मिलने और न्याय पत्र की वास्तविकता को समझाने में अधिक खुशी होगी”।