क्या कांग्रेस की वजह से टूट जाएगा विपक्ष का ‘I.N.D.I.A’ गठबंधन ?
I.N.D.I.A: 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बनी “इंडिया” गठबंधन में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। सब कुछ कांग्रेस के हाथ से निकलता नजर आ रहा है।
इंडिया गठबंधन में दरारों का सिलसिला जारी है। पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कुछ अन्य क्षेत्रीय दलों ने भले ही इस गठबंधन की शुरुआती जिम्मेवारी निभाई हो लेकिन कांग्रेस की एंट्री के बाद गठबंधन में क्षेत्रीय दलों को किनारे लगाने की उसकी कोशिश, कहीं इस गठबंधन को तोड़ ना दे।
कांग्रेस से दूरी बनाने लगी अन्य
गठबंधन के बाकी दलों ने कांग्रेस से दूरी बनाना तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव के वक्त से ही शुरू कर दिया था, जब कांग्रेस ने किसी भी क्षेत्रीय दल के साथ सीट शेयर करने से मना कर दिया था। बाद में बात इतनी बढ़ गई कि जब नतीजे आए और कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई तो कई क्षेत्रीय दलों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस आरोप से हुई कि जब उन्होंने कहा कि “गठबंधन की तारीख के बारे में उन्हें समय पर सूचना नहीं दी गई।”
धीरज साहू के भ्रष्टाचार की आंच
Also Read: गोगामेड़ी हत्याकांड में नया मोड़, गैंगस्टर रौनी का नाम आया सामने
गठबंधन के दलों को एक साथ लाने की जो थोड़ी बहुत गुंजाइश बची थी, वो अब धीरज साहू ने खत्म कर दी है। कांग्रेस के इस राज्यसभा सांसद के ठिकानों से अब तक किसी भी सुरक्षा एजेंसी की ओर से बरामद की गई सबसे बड़ी राशि (करीब 300 करोड़ नगदी) बरामद होने के बाद क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस से और दूरी बनानी शुरू कर दी है।
क्या दोबारा साथ आएंगे गठबंधन दल?
क्या इंडिया गठबंधन टूट जाएगा? ये सवाल उसी दिन से ही बना हुआ है जब कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान का चुनाव हार गई थी। चुनाव नतीजों के तुरंत बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाने का ऐलान कर दिया था, लेकिन बैठक बुलाई गई और रद्द हो गई । इसके पीछे वजह क्षेत्रीय दलों की नाराजगी बताई जा रही है।
कांग्रेस के अकेले निर्णय लेने से नाराज हैं अन्य दलों के नेता?
खरगे की ओर से मीटिंग 6 दिसंबर को होने वाली थी। मीटिंग की घोषणा किए जाने के बाद पहले ममता बनर्जी ने बैठक में जाने से इनकार किया और उन्होंने कहा कि “बैठक की तारीख पर उनका पूर्व निर्धारित कार्यक्रम उत्तर बंगाल में है उन्हें समय पर सूचना दी गई होती तो अपना कार्यक्रम पुनर्निर्धारित करतीं।” उसके बाद अखिलेश यादव ने, और फिर नीतीश कुमार समेत अन्य दलों ने बैठक में जाने से मना किया तो इसे रद्द करने की घोषणा करनी पड़ी।
“अखिलेश वखिलेश, कांग्रेस चालू पार्टी,धोखा दिया”
इंडिया गठबंधन में दरार की शुरुआत उसी वक्त से हो गई थी जब विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस से समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और जेडीयू ने सीट मांगी थी। कांग्रेस ने उन्हें सीटें देने से इनकार कर दिया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता कमलनाथ ने कहा था, “कौन अखिलेश वखिलेश?” इससे नाराज अखिलेश यादव ने कहा था कि “कांग्रेस चालू पार्टी है, धोखा दिया है।”
धीरज साहू से पीछा छुड़ाना आसान नहीं
कांग्रेस अपने सांसद धीरज साहू से पीछा छुड़ाने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसे पता है कि ये इतना आसान नहीं है। ये वो मुद्दा है, जिसका जिक्र 5 महीने बाद लोकसभा चुनाव में भी होगा। उस वक्त भी होगा जब 2024 के आखिर में झारखंड में विधानसभा चुनाव होंगे। वहीं इन सबके बीच कई सवाल इस बात के भी हैं कि इस कैश कांड की जांच होगी तो किस-किसके नाम सामने आएंगे? क्या धीरज साहू की वजह से कांग्रेस लोकसभा चुनाव हार जाएगी?
Also Read: Article 370 हटाने पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासक फैसला- “संवैधानिक तौर पर वैध था फैसला”