शिवराज सिंह चौहान हुए सत्ता से दूर, मोहन यादव बने मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री
Madhya Pradesh: 3 दिसंबर को विधानसभा के नतीजे आने के बाद मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया था। जिस राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही थी। वहां कांग्रेस का साफया हो गया। मध्य प्रदेश में बीजेपी को 163 सीटों पर जीत हासिल हुई, जबकि कमलनाथ के चेहरे पर लड़ रही कांग्रेस महज 66 सीटों पर सिमट गई। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कौन होगा शिवराज सिंह चौहान या कोई और होगा।
आज खत्म हुआ इंतजार
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री की कुर्सी कौन संभालेगा, इसे लेकर कई दिनों से जारी सस्पेंस आज खत्म हो गया है। फैसला आ चुका है, प्रदेश की राजधानी भोपाल में विधायक दल की बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि मोहन यादव विधायक दल के नेता होंगे।
मुख्यमंत्री खट्टर, दिल्ली से मुख्यमंत्री का फरमान लाए
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बीजेपी आलाकमान ने आज भोपाल में पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी थी। इसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, आशा लाकड़ा और के लक्ष्मण के नाम शामिल हैं भोपाल पहुंचने के बाद मनोहरलाल खट्टर और अन्य पर्यवेक्षक मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने सबसे पहले शिवराज सिंह से मुलाकात की थी। बताया जा रहा था कि खट्टर बीजेपी आलाकमान का फरमान लेकर दिल्ली से पहुंचे थे।
शिवराज सिंह चौहान नारों में सिमट के रह गए
पार्टी कार्यालय में जहां विधायक दल की बैठक चल रही थी। वहीं, पार्टी ऑफिस के बाहर प्रह्लाद पटेल और शिवराज सिंह चौहान के समर्थक नारेबाजी कर रहे थे। बता दें कि मुख्यमंत्री की रेस में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रह्लाद पटेल और वीडी शर्मा के नाम शामिल थे। उधर, सीएम के नाम के ऐलान से पहले प्रह्लाद पटेल के आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
शिवराज ने दिया मोहन यादव का नाम
मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं मोहन यादव को संघ का करीबी बताया जाता है जानकारी के मुताबिक शिवराज सिंह चौहान ने ही मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव विधायक दल की बैठक में किया था। इस ऐलान के साथ ही सभी कयासों पर विराम लग गया है। अब सूबे की कमान मोहन यादव के हाथों में आ गई है।
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