May 12, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में 10 बच्चों की मौत, अस्पताल में मचा हड़कंप, जानें क्या है कारण?

0
murshidabad-medical-college

murshidabad-medical-college

West Bengal News: पश्चिमी बंगाल के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यहां एक के बाद एक 10 दुधमुंहे बच्चों की मौत हो गई। इनमें से 9 तो नवजात थे। फिलहाल दिल दहला देने वाली इस घटना की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अफरा तफरी की स्थिति बनी हुई है। पिछले 24 घंटे में 10 बच्चे की मौत हो गई है। जिसमें 9 नवजात शिशुओं और एक 2 साल के बच्चे शामिल हैं। एक ही दिन में इतने बच्चों की मौत से पश्चिम बंगाल में हड़कंप मच गया है। मुर्शिदाबाद प्रशासनका कहना है कि मौत के कारणों की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। शुरुआती दौर में इस मौत के पीछे की वजह सांस लेने में दिक्कत होना और कुपोषण बताया जा रहा है।

अस्पताल प्रशासन ने कहा

Also Read: दर्द के समय खाते हैं Meftal तो हो जाएं सावधान, नई बीमारी का शिकार हो सकते हैं आप!

जिन बच्चों की मौत हुई है, उसमें से दस में से तीन का जन्म मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुआ था। डॉक्टरों ने यह भी कहा है कि दो साल के बच्चे का न्यूरोलॉजिकल समस्याओं के कारण उनके अस्पताल में इलाज चल रहा था, इलाज के दौरान उस बच्चे ने दम तोड़ दिया।

अस्पताल द्वारा दी गई सफाई

मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सह उप प्राचार्य अमित कुमार ने कहा, “यह सच है कि हमारी जानकारी के अनुसार नौ बच्चों की जान चली गई है। हमने एक प्रारंभिक जांच समिति गठित की है और हमें प्रारंभिक रिपोर्ट मिल गई है और उसके आधार पर मैं यह कह रहा हूं कि अधिकांश बच्चे कुपोषण का शिकार थे और एक बच्चे को दिल की गंभीर बीमारी थी, जिसके इलाज के लिए हमारे पास बुनियादी ढांचा नहीं था और हमें समय भी नहीं मिला।”

उन्होंने आगे कहा, “एक और समस्या जिसका हम सामना कर रहे हैं वह यह है कि जंगीपुर में हमारा जो अस्पताल है, वहां नवीनीकरण का काम चल रहा है और इसलिए सभी मामले हमारे अस्पताल में भेजे जा रहे हैं, हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कुछ बच्चे मर रहे हैं, उनमें से ज्यादातर कुपोषण के शिकार हैं और उनका वजन कम है और इसलिए हमारे लिए उन बच्चों को बचाना बहुत मुश्किल हो रहा है क्योंकि उनका वजन लगभग 600 ग्राम है और इसलिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है।”

 

Also Read:  लोकसभा से निष्कासित हुईं Mahua Moitra, विपक्ष ने किया संसद में हंगामा

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *