Uttrakhand News: उत्तराखंड के टनल में फंसी 40 मजदूरों की जान, मशीनों की भी हालत खराब!

Uttarkashi
Uttrakhand News: उत्तराखंड में चारधाम राजमार्ग में सुरंग धसने से 40 मजदूर बीते कुछ दिनों से टनल में फंसकर जिंदगी व मौत के बीच झूल रहे है। श्रमिकों को बचाने का काम जारी है। लोगों को बचाने के लिए अब ड्रिलिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। वायुसेना के विमान के जरिए दिल्ली से लायी गयी अमेरिकी ड्रिलिंग मशीन सुरंग में फिट की गयी है। सुरंग के अंदर मलबा गिरने से 40 मजदूर पिछले 4 दिनों से टनल में फंसे हुए है।

इन मज़दूरों को बाहर निकालने के लिए एक हाई पावर अमेरिकन ऑगर मशीन सुरंग के अंदर फ़िट कर दी गई है। मलबे में फंसे 40 मजदूरों को बचाने के लिए करीब 70 घंटे से प्रयास जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे अधिकारियों को उम्मीद है कि मलबे में दबे सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।
मंगलवार को हुए नए भूस्खलन के चलते बचाव अभियान के दौरान भगदड़ मच गई, जिसके चलते दो मजदूर घायल हो गए। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने पहले कहा, “अगर सब कुछ योजना के मुताबिक हुआ, तो फंसे हुए मजदूरों को बुधवार को निकाला जाएगा” लेकिन आज शुक्रवार है और अभी तक मजदूरों को बाहर नहीं निकाला गया है।
बता दें कि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बन रही है। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया। इससे मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए। इन्हें निकलने के लिए पांच दिन से रेस्क्यू अभियान जारी है लेकिन अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली। उधर, कुछ मजदूरों ने सुरंग के पास विरोध प्रदर्शन भी किया और रेस्क्यू के धीरे होने का आरोप लगाया।
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के बचाव अभियान को शुक्रवार दोपहर कुछ देर के लिए रोक दिया गया। सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए इस्तेमाल की जा रही ड्रिलिंग मशीन पर मलबा गिरने के बाद यह कदम उठाया गया है। सुरंग में पांचवीं ट्यूब डालते ही मलबा मशीन पर गिरने लगाी इसके तुरंत बाद बचावकर्मी सुरंग से बाहर निकले और ऑपरेशन को लगभग एक घंटे के लिए रोक दिया।
बचाव अभियान के इस्तेमाल में लाई जा रही अमेरिकी ऑगर मशीन में तकनीकी खराबी आ गई है। मशीन आगे नहीं बढ़ पा रही है। मशीन का बेयरिंग खराब हो रहा है। ऐसे में अब एंकर लगाकर मशीन को प्लेटफॉर्म पर लगाया जा रहा है। मशीन सिर्फ 24 मीटर तक ही ड्रिल करके पाइप डाल पाई है।
रेस्क्यू ऑपरेशन असफल हुआ तो
शुक्रवार को अब तक सिर्फ छह मीटर तक ही पाइप सुरंग के भीतर जा चुका है। इस बीच इंदौर से एडवांस ऑगर मशीन मंगाई जा रही है। सर्वे टीम 103 मीटर के वर्टिकल अप्रोच को भी तलाश रही है। यदि यह रेस्क्यू ऑपरेशन असफल हो जाता है तो वर्टिकल के लिए प्रयास किया जाएगा।
टनल बहुत ही कमजोर है
मजदूर सुरंग के एंट्री प्वॉइंट से करीब 200 मीटर अंदर फंसे हैं। जहां मजदूर फंसे हैं, वहां ठीक उनके आगे 50 मीटर से ज्यादा मलबा है। रेस्क्यू टीम के लिए मुश्किल इस बात की है कि टनल का ये हिस्सा बेहद कमजोर है। जैसे ही मजदूरों को निकालने के लिए मलबा निकालने की कोशिश होती है, मलबा फिर से टनल में गिर जाता है।
अब इस 50 मीटर से भी ज्यादा लंबे मलबे के बीच 800 और 900 मिलीमीटर चौड़े स्टील पाइप डाले जा रहे हैं। कोशिश है कि मलबे के आर-पार स्टील पाइप डालकर अंदर से एक-एक करके मजदूरों को निकाला जा सके।
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