12वीं फेल से IPS बनने तक के सफर को दर्शाती सच्ची कहानी ’12th fail’
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ’12वीं फेल’ एक IPS अफसर की प्रेरणादायक कहानी है, जो 12वीं कक्षा की परीक्षा में फेल हो गया था। इसके बाद उसने अजीब नौकरियां कीं, हर रात सिर्फ तीन घंटे सोया और UPSC परीक्षा पास करने के लिए चार बार बिना रुके, बिना झुके खुद को रीस्टार्ट किया।
कहानी को कुछ ऐसे पेश किया गया
मध्य प्रदेश के चंबल के गांव का लड़का 12वीं की परीक्षा में फेल हो जाता है, क्योंकि नए डीपीएस दुष्यन्त सिंह (प्रियांशु चटर्जी) शिक्षकों को छात्रों को बोर्ड परीक्षा में नकल करने से रोकते हैं। मनोज इसके अगले साल थर्ड डिविजन से बोर्ड एग्जाम पास करता है। वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए दिल्ली पहुंचता है। उसके पास इस परीक्षा के लिए जरूरी लगन तो है, लेकिन ऐसा करने के लिए पढ़ाई की वैसी कुशलता नहीं है। उसे तो यह भी नहीं पता कि UPSC या IPS प्रोफाइल जैसी कोई चीज होती है। मनोज आगे कैसे अपने गुरु (अंशुमान पुष्कर), दोस्तों और प्रेमिका श्रद्धा जोशी (मेधा शंकर) की मदद से अपने सपने को साकार करता है।
फिल्म की कहानी बड़े ही सहज और सरल भाव में बहती चली जाती है। यह एपीजे अब्दुल कलाम और बीआर अंबेडकर जैसे दिग्गजों को आइडल मानने वालों को याद दिलाती है- शिक्षित हो, आंदोलन करो, संगठित हो। फिल्म इस बात पर भी बड़ी बारीकी से रोशनी डालती है कि क्यों भ्रष्ट राजनेता चाहते हैं कि समाज के युवा मूर्ख बने रहें, ताकि उन्हें दबाया जा सके और उनपर शासन किया जा सके।
बाकि फिल्म की कहानी सत्य घटना से प्रेरित हर उस आम युवा वर्ग की कहानी है जो गरीब परिवार से होते हुए भी एक IPS अफसर बनने का सपना देखता है जिसके सपनो में इतनी ताकत और मन में इतना विश्वास होता है कि चाहे उसे कितनी ही बार असफलता हाथ लगे लेकिन उसकी हिम्मत और कुछ कर दिखाने का जज्बा कम नहीं होता और एक दिन तमाम कठनाईयो को पार कर उसे उसकी मंज़िल मिल जाती है और वह अफसर बन जाता है । ऐसे ही जज्बे ,मेहनत की कहानी है ’12th Fail’।
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