Ram Mandir : मंदिर में रामलला को विराजमान करने की शुरू हुई तैयारी, इस दिन से भक्त कर सकेंगे भगवान का दिव्य दर्शन

Ayodhya : वर्षों से जारी राम भक्तों का इंतज़ार अब जल्द ही ख़त्म होने वाला है. वह दिन अब दूर नही है जब भगवान श्री राम अयोध्या में बन रहे अपने भव्य मंदिर (Ram Mandir) में विराजमान होंगे और अपने भक्तो को दर्शन देंगे . जी हाँ राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir Construction) के साथ ही अब रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां भी तेजी से शुरू होने वाली हैं
बता दें कि संपूर्ण राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण तो 2025 में पूरा होगा. लेकिन मंदिर के पहले फेज का निर्माण दिसंबर 2023 में पूरा कर लिया जाएगा और जनवरी 2024 के शुभ मुहूर्त में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम भव्य मंदिर में विराजमान हो कर दिव्य दर्शन देंगे. सूत्रों के हवाले से पता चला हैं कि भगवान श्री राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 15 जनवरी 2024 से शुरू हो जायेगा . वही 21 जनवरी से 23 जनवरी के बीच भरवान श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव ने दी जानकारी
राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चम्पत राय ने बताया की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को आमंत्रण पत्र भी भेजा हैं. प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर रामनगरी अयोध्या को दिसंबर से ही राममय बनाने की योजना है. राम नगरी 2 महीने तक उत्सवी माहौल में रहेगी . इस दौरान अलग अलग संस्कृतक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. ट्रस्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा से पहले दिसंबर 2023 से मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 तक की अवधि में अयोध्या में सांस्कृतिक, आध्यात्मिक राममय वातावरण बनाए जाने का प्रयास चल रहा है.
हर 15 दिन पर बैठक में होती है चर्चा
पूरी अयोध्या को इस तरह सजाया जाएगा कि प्रवेश करते ही रामायण युग की अनुभूति हो. जगह-जगह मंच सजाकर संस्कृति विभाग की टीमें रामलीला मंचन लोक कलाओं की प्रस्तुतियां देंगें., मंदिरों में कथा, प्रवचन, सामूहिक सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ आदि का आयोजन होगा. बताया गया कि प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव ऐतिहासिक हो इसको लेकर हर 15 दिन पर बैठक की जाती है. बैठक का सिलसिला अप्रैल माह से ही शुरू कर दिया गया है. अब 09 अगस्त, 25 अगस्त व 08 सितंबर को फिर बैठक होगी.
ट्रस्ट के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आने वाले भक्तों की श्रेणियां निर्धारित की जा रही हैं. कुछ भक्त सुबह आएंगे और शाम को लौट जाएंगें, कुछ अयोध्या में अपने गुरू स्थानों पर रूकेंगे. कुछ धर्मशाला व होटल में किराया देकर रहेंगे. कुछ ऐसे भक्त होंगे जो मध्यम श्रेणी के हैं, ऐसे करीब 25 हजार भक्तों के रूकने, खाने आदि के इंतजाम ट्रस्ट द्वारा किए जाएंगें.