Haryana Politics: नायब सिंह सैनी को हो सकती है टेंशन, दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को लिखी चिट्ठी
Haryana Politics: हरियाणा में लोकसभा चुनावों के बीच सियासी सरगर्मियां देखने को मिल रही है। हरियाणा की राजनीति में कुछ दिनों से ही गरमा-गरमी वाले माहौल ने पैर पसारा हुआ है। अब नायब सिंह सैनी सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए 3 निर्दलीय विधायक खड़े हो गए हैं। इससे पहले 2 विधायक इस्तीफा तक दे चुकें हैं। इसी कारणवश यहांं की राजनीति में हलचल मची हुई है। इस के तहत पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने प्रतिक्रिया दी है। दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश देने की अपील की है।
राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपील
मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि ”2 महीने पहले जो सरकार बनी थी, आज वे अल्पमत में चली गई है, क्योंकि उनका समर्थन करने वाले 2 विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। 3 विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है”। इसी के साथ उन्होंने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर फ्लोर टेस्ट के लिए आदेश मांगा है”। यह भी लिखा कि ”कांग्रेस को भी कांग्रेस कदम उठाना चाहिए और परिवर्तन के लिए लिखित में राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर अपील करें”।
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सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
पिछले महीने 13 मार्च को बीजेपी की हरियाणा सरकार ने जेजेपी से अलग होने के अपना बहुमत साबित किया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह बहुमत साबित किया गया था। खबरों के मुताबिक बहुमत साबित होने के 6 महीने तक कोई विश्वास मत परीक्षण नहीं हो सकता है। सीधे तौर पर 13 सितंबर तक विश्वास मत परीक्षण का कोई प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता। जेजेपी ने खुलकर कहा है कि ”अगर इस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तो हम बाहर से उसका समर्थन करेंगे”।
हरियाणा की दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव होना है
मनोहर लाल खट्टर के विधायक पद से इस्तीफा देने से करनाल विधानसभा सीट खाली हो गईम थी। यहां से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सिरसा जिले की रानिया सीट से विधायक रणजीत सिंह चौटाला इस्तीफा देकर हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। नियम कहते हैं कि 6 महीने तक अभी कोई विश्वास मत परीक्षण नहीं हो सकता। इसका मतलब है कि विधानसभा चुनाव तक हरियाणा सरकार अल्पमत में चल सकती है, क्योंकि अभी आने वाले 4 महीने तक सैनी सरकार चिंता से मुक्त है।