Ram Rahim: क्या है राम रहीम का चुनावी कनेक्शन? चुनाव से पहले बाहर कैसे आ जाता है गुरमीत राम रहीम
Ram Rahim: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार मामले में दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को 21 दिन की फरलो (छुट्टी) मिली है। हरियाणा के रोहतक की सुनारिया जेल में बंद बलात्कारी गुरमीत राम रहीम सिंह फिर जेल से बाहर आ गया है। पिछले 30 महीने की सजा के दौरान ये आठवां ऐसा मौका है जब राम रहीम बाहर आ आया हो। गुरमीत राम रहीम बलात्कार और हत्या के मामले में हरियाणा की सुनारिया जेल में साल 2017 से ही बंद है। रहीम उम्रकैद की सजा काट रहा है, लेकिन पिछले करीब 6 साल की अपनी सजा के दौरान कभी पैरोल तो कभी फरलो पर वो बाहर आते रहता है, गाने बनाते रहता है।
राम रहीम कितने बार जेल से बाहर आया
25 अगस्त 2017 से जेल में बंद राम रहीम अभी तक कुल 8 बार जेल से बाहर आ चुका है। पहली बार वो 24 अक्टूबर 2020 को एक दिन की परोल पर बाहर आया था और तब उसकी मां बीमार थी। फिर 21 मई 2021 को उसे 12 घंटों के लिए पुलिस सुरक्षा में जेल से रिहा किया गया था ताकि वो अपनी बीमार मां से मिल सके।
फरवरी 2022 में तो उसे अपने परिवार से मिलने के लिए 21 दिनों की रिहाई दी गई थी और तब उसे सरकार की ओर से जेड सिक्योरिटी भी दी गई। जून 2022 में राम रहीम को 30 दिन और अक्टूबर 2022 में 40 दिन की परोल पर राम रहीम बाहर आया था। इस बार जब वो 40 दिन के लिए बाहर आया था तो उसने अपना म्यूजिक एलबम भी रिलीज किया था।
वहीं इस साल 2023 में भी जनवरी और जुलाई में राम रहीम बाहर आ चुका है। जनवरी 2023 में 40 दिनों की परोल पर वो बाहर आया था तो जुलाई 2023 में वो 30 दिनों के लिए जेल से बाहर आया था। अब नवंबर में एक बार फिर से वो जेल से बाहर आ गया है। इस बार भी वो 21 दिनों तक जेल से बाहर रहेगा।
राम रहीम के पास दो रास्ते हैं जेल से बाहर आने के
पहला रास्ता है परोल का परोल उस कैदी को मिलती है, जिसने अपनी सजा के कम से कम एक साल जेल में गुजार लिए हों। अधिकांश मामलों में एक साल में एक बार ही परोल मिलती है, लेकिन इसके साथ एक शर्त है कि कैदी जितने दिनों तक परोल पर बाहर रहता है वो उसकी सजा में नहीं जुड़ता है। हरियाणा की सरकार बार-बार राम रहीम के अच्छे चाल चलन पर भी मुहर लगाती है और परोल की उसकी अर्जी भी मंजूर कर लेती है, जिसकी वजह से राम रहीम बाहर आते रहता है।
दूसरा रास्ता है फरलो का किसी कैदी को फरलो तब मिलती है, जब उसने अपनी सजा के कम से कम 3 साल जेल में बिताए हों। इस लिहाज से राम रहीम तीन साल जेल में बिता चुका है। फरलो की खास बात ये है कि ये अवधि सजा में भी जुड़ती है यानी कि फरलो पर बाहर आने पर कैदी को अतिरिक्त सजा नहीं भुगतनी होती है।
यह सवाल उठ रहे हैं?
क्या राम रहीम की जेल से रिहाई का कोई चुनावी कनेक्शन भी है। राम रहीम हरियाणा की जेल में बंद है और परोल या फरलो के बाद उसे यूपी के बागपत में रहना है तो इसका चुनाव पर क्या ही असर होगा, लेकिन पिछले परोल और फरलो पर रिहाई के दौरान अगर राम रहीम के ऑनलाइन दरबार को देखें तो स्थिति साफ हो जाती है।
अभी चुनाव राजस्थान में हैं राजस्थान के जो जिले हरियाणा से सटे हुए हैं, जैसे श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़, उनमें राम रहीम के डेरा सच्चा सौदा के खासे अनुयायी हैं, जो किसी भी चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। राम रहीम तो खुद श्रीगंगानगर का ही रहने वाला है। राम रहीम की अभी की रिहाई को राजस्थान के चुनावी रण के साथ भी जोड़ा जा रहा है। इससे पहले भी जब हरियाणा के आदमपुर में उपचुनाव और पंचायत के चुनाव थे तो उस दौरान अक्टूबर 2022 में राम रहीम की रिहाई हुई थी और उसके सत्संग में कई बड़े-बड़े नेताओं को देखा गया था।
इससे भी पहले फरवरी 2022 में जब फरलो पर 21 दिनों के लिए राम रहीम रिहा हुआ था तो उस वक्त पंजाब में विधानसभा के चुनाव थे। इस दौरान भी कांग्रेस के कई नेताओं ने इसको लेकर आपत्ति जताई थी। अब भी जब राजस्थान में चुनाव हैं तो फिर राम रहीम को रिहाई कर दी गई है। इसको लेकर सवाल उठते जा रहे हैं।
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