कई अड़चनों के बाद Banke Bihari Corridor को हाईकोर्ट से मंजूरी…

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Banke Bihari Corridor: उत्तर प्रदेश का बांके बिहारी मंदिर, जहां प्रतिदिन लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। हालांकि भीड़ ज्यादा होने के कारण भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है क्योंकि बांके बिहारी मंदिर के आसपास जगह काफी कम है। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बाँके बिहारी कॉरिडोर परियोजना की याचिका दायर की। इस याचिका को हाईकोर्ट की तरफ से मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना के तहत बाँके बिहारी मंदिर के चारों तरफ एक कॉरिडोर का निर्माण होना प्रस्तावित है। इस आदेश के बाद बाँके बिहारी कॉरिडोर की राह में आने वाले अतिक्रमण को हटाने का रास्ता साफ हो गया है।
सरकार को ही उठाना पड़ेगा खर्च
बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना काशी विश्वनाथ की तर्ज पर है। इस काम में आने वाला खर्च सरकार को उठाना पड़ेगा। अनंत शर्मा, मधुमंगल दास और कुछ अन्य पुजारियों ने इस कॉरिडोर को गैर जरूरी बताते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इन्होंने याचिका में ये भी मांग की थी कि चढ़ावे और चंदे की रकम भी कॉरिडोर में न लगाई जाए। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में सरकार ने हाईकोर्ट में इस कॉरिडोर को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जरूरी बताया था।
धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल देश की धरोहर
बता दें कि इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में हुई थी। 8 नवंबर 2023 को अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि मंदिरों और तीर्थस्थलों का उचित प्रबंधन जनता से जुड़े विषय हैं। धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल देश की धरोहर हैं। ऐसे में धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों पर जाने के बाद लोगों में अच्छे मनोभाव पैदा होते हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी, 2024 को होगी।
सरकार को इन चीजों का रखना होगा खास ख्याल
अपने आदेश में हाईकोर्ट ने UP सरकार से इस बात का ध्यान रखने के लिए भी कहा कि परियोजना पूरा करने के दौरान दर्शनार्थियों को असुविधा न होने पाए। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कॉरिडोर के निर्माण में टेक्निकल एक्सपर्ट की मदद लेने की भी सलाह दी।