Yogi Adityanath: हलाल सर्टिफाइड पर योगी सरकार का रवैया सख्त, सर्टिफिकेशन के नाम पर धंधा होगा बंद!

Yogi
Yogi Adityanath: हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर रोक लग सकती है कुछ कंपनियों ने हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर धंधा चला रखा था। ऐसी कंपनियां डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले, और साबुन इत्यादि जैसे उत्पादों को भी हलाल सर्टिफाइड करके बेचने में लगे हैं। यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नजर में आ गया है और इसमें बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर कड़े नियम बनाने जा रही है।
हलाल सर्टिफाइड का मतलब
हलाल सर्टिफाइड यह है कि किसी अमुक उत्पाद को इस्लामी मान्यताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। कई कंपनियां अपने उत्पादों पर ‘हलाल सर्टिफाइड’ का स्टैम्प लगाती हैं।
हलाल मामले में हुई FIR
Also Read: PM Modi का नकली वीडियो हो रहा वायरल, बोले- ये बहुत खतरनाक है
हलाल सर्टिफिकेशन देकर उत्पाद बेचने वाली कंपनियों पर हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुई है। हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाला काउंसिल आफ इंडिया मुंबई और जमीयत उलेमा महाराष्ट्र मुंबई हलाल सर्टिफिकेशन देकर सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 120b/ 153a/ 298 384, 420, 467, 468, 471, 505 में केस दर्ज किया गया है। भारत में कोई भी सरकारी संस्था ऐसा किसी तरह का सर्टिफिकेशन जारी नहीं करती है
हराम और हलाल अलग- अलग हैं
हलाल और हराम अरबी के दो शब्द हैं। इस्लाम में हलाल का मतलब होता है, ‘जो इस्लामी धर्म-शास्त्र के अनुसार उचित हो अथवा उसके द्वारा अनुमोदित हो, शरीअत के अनुकूल जिसका ग्रहण या भोग उचित हो, जो शरअ या मुसलमानी धर्मपुस्तक के अनुकूल हो, जो हराम न हो, जिस पर प्रतिबंध न हो, विधिविहित, जाएज़, वैध हो’. इसी तरह हराम का मतलब होता है, ‘जो इस्लाम धर्म-शास्त्र में वर्जित या त्याज्य हो।
इस्लामी धर्म-शास्त्र में जिन चीजों को हराम बताया गया है उसे करने की मनाही होती है, वहीं जिन बातों को हलाल बताया गया है उन्हें करने की इजाजत होती है. इस्लामी मान्यताओं के अनुसार हलाल खाने-पीने की चीजों की निर्माण प्रक्रिया और जानवरों के वध पर लागू होता है।
Also Read: MP में चुनाव के पहले चरण में मचा हड़कंप, दिमनी में हुआ पथराव, चली गोलियां