May 12, 2024

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Patanjali: अब नींद से जागे हो, नौ महीनों से कहां थे…… सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि मामले में आयुष विभाग पर लगाया जुर्माना

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Patanjali vs Supreme Court

Patanjali vs Supreme Court

Patanjali: पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज मंगलवार 30 अप्रैल को कोर्ट ने अथॉरिटी की निष्क्रियता पर सवाल उठाए। साथ ही लाइसेंसिंग अथॉरिटी को खूब सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के वकील से सवाल किया कि आपने ओरिजनल रिकॉर्ड क्यों नही दिए? आपने ई-फाइलिंग क्यों की? इसमें तो बहुत ज्यादा संदेह है। हम अपने हाथ खड़े कर रहे है। हमने ओरिजनल कॉपी मांगी थी, वो कहां है?

इस पर रामदेव के वकील बलबीर सिंह ने कहा ”हो सकता है मेरी अज्ञानता की वजह से ऐसा हुआ हो”। कोर्ट ने कहा कि, ”पिछली बार जो माफीनामा आपने छापा था, वो छोटा था और उसमें केवल पतंजलि लिखा था। लेकिन इस बार का माफीनामा बड़ा है। हम इसके लिए आपकी सराहना करते हैं कि आपको हमारी बात समझ में आ गई। आप सिर्फ अखबार और इस दिन की तारीख का माफीनामा जमा करें”।

नींद से जागे हो, नौ महीनों से कहां थे?

उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कोर्ट को यह बताया है कि पतंजलि और उसकी इकाई दिव्या फार्मेसी के 14 मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से 15 अप्रैल को रद्द कर दिया गया था। इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि ”अब आप नींद से जागे हैं”। कोर्ट ने आगे कहा कि ”यह पता चल गया कि जब आप कुछ करना चाहते हो तो पूरी तेजी से करते हो। लेकिन जब आप नहीं करना चाहते तो इसमें सालों लग जाते हैं। आपने तीन दिनों में एक्शन लिया। लेकिन आप बीते नौ महीनों से क्या कर रहे थे? अब आप नींद से जागे हो”।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड आयुष विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण पर जुर्माना लगाया है। अदालत ने पूछा कि ”आपने जो पतंजलि फार्मेसी की 14 दवाओं का उत्पादन सस्पेंड किया है, वो कब तक है”? इस पर आयुष विभाग ने कहा कि ”उन्हे संबंधित विभाग के पास 3 महीने के भीतर अपील दाखिल करनी होगी”।

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बाद मैं मत बोलना

इस मामले मे कोर्ट ने कहा कि ”आपको यह सब पहले ही करना चाहिए था”। कोर्ट ने ज्वाइंट डायरेक्टर मिथिलेश कुमार से कहा कि ”पिछले नौ महीनों में आपने क्या कार्रवाई की है? इसका हलफनामा दायर करें। अगर पिछले हलफनामे पर जाएं तो आपने कोई कार्रवाई ही नहीं की है। आप बाद मैं मत कहिएगा की आपको मौका नही दिया गया”।

कोर्ट ने आगे पूछा कि ”हमें आप पिछले मामलों और कार्रवाई के बारे में बताइए जो मिथिलेश कुमार से पहले वाले अधिकारी के समय हुए थे? कोर्ट ने लाइसेंस ऑथॉरिट से कहा कि ऐसा लग रहा है कि वो केवल पोस्ट ऑफिस की तरह से काम कर रहे हैं”।

एक लाख रुपए का जुर्माना

कोर्ट ने ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी के हलफनामे को देखते हुए कहा कि ”इस तरह का रवैया ठीक नहीं है। आपको हलफनामा दाखिल करते वक्त कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए”। कोर्ट ने हलफनामा स्वीकार करते हुए ”एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है”। वहीं कोर्ट ने हलफनामे को वापस देते हुए कहा कि ”आप पांच मिनट में अपने हलफनामे को सुधारकर कोर्ट में पेश करें”। इस मामले में अगली सुनवाई अब 14 मई को होगी। रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए छूट मिली है।

 

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