I.N.D.I.A में बुआ की एंट्री पर भतीजे ने कहा ‘NO’, कांग्रेस से BSP को लेकर किए कई सवाल?
I.N.D.I.A: इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश के लिहाज से भी खास थी। मध्य प्रदेश चुनाव के समय से ही समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के रिश्ते जिस तरह से बेरुख नजर आ रहे थे, अब नजर इस पर भी थी कि दोनों दलों के शीर्ष नेता जब साथ बैठते हैं तब इस बेरुखी की छाप नजर आएगी या ‘बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ’ की छाप? इसीलिए अखिलेश यादव ने मायावती को लेकर कांग्रेस से दो टूक सवाल किया तो यूपी को लेकर दो शर्तें भी रख दीं।
बता दे कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन को 2024 चुनाव के लिए लक्ष्मण रेखा बता दी। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ कांग्रेस की बातचीत का मुद्दा उठाया। अखिलेश यादव ने तीखे लहजे में पूछा कि “क्या इस गठबंधन के अलावा कांग्रेस पार्टी बहुजन समाज पार्टी के साथ बातचीत कर रही है, क्या वो बसपा को इस गठबंधन में लाना चाहती है? कांग्रेस सबसे पहले इस पर अपना रुख स्पष्ट करे।” साथ ही उन्होंने ये भी पूछ लिया कि “अगर कांग्रेस ऐसा चाहती है तो वो साफ कर दे क्योंकि तब समाजवादी पार्टी को भी अपना स्टैंड इस गठबंधन को लेकर साफ करना पड़ेगा।”
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आपको बता दे कि अखिलेश यादव के कांग्रेस नेतृत्व से पूछे गए इस सवाल में तल्खी थी। कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी ने अखिलेश के सवाल का जवाब दिया। कांग्रेस की ओर से बसपा को लेकर रुख साफ करते हुए ये जानकारी दी गई कि “हमारा उत्तर प्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन का कोई इरादा नहीं है। कांग्रेस पार्टी यूपी में अखिलेश यादव के नेतृत्व में ही चुनाव में जाएगी।” दरअसल, अखिलेश यादव कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के साथ ही कई नेताओं के लगातार बसपा से संपर्क में होने को लेकर खफा थे।
आपको बता दे कि अखिलेश यादव लगातार ये बात कह रहे थे कि यूपी में गठबंधन का नेतृत्व सपा ही करेगी। इंडिया गठबंधन की स्टीयरिंग यूपी में सपा के हाथ में ही होगी और सीट शेयरिंग में भी हमारी चलेगी।
वहीं, इंडिया गठबंधन की बैठक में कांग्रेस ने भी ये साफ कह दिया कि हम यूपी में अखिलेश के नेतृत्व में ही लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस का ये स्टैंड एक तरह से अखिलेश की शर्तों पर मुहर है। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से इस तरह की चर्चा थी कि यूपी कांग्रेस के नेता बसपा से गठबंधन के पक्ष में हैं।
गौरतलब है कि इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई बैठक से एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के बड़े कांग्रेस नेताओं के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मीटिंग की थी। इस बैठक में भी बसपा से गठबंधन की बात उठी थी। राहुल और प्रियंका की बैठक में भी दो धड़े साफ दिखाई दिए। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और कांग्रेस का प्रदेश नेतृत्व बसपा से गठबंधन की वकालत कर रहा था तो वहीं प्रमोद तिवारी सरीखे वरिष्ठ नेता हर हाल में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में थे।
कांग्रेस को दो नाव पर सवार होना है
पिछले कुछ समय से अखिलेश यादव को ये बात लगातार कचोट रही थी कि आखिर कांग्रेस, सपा के साथ इंडिया गठबंधन में रहते हुए दो नाव की सवारी क्यों करना चाहती है? वो भी तब, जब मायावती लगातार कांग्रेस पार्टी और गठबंधन से सार्वजनिक तौर पर दूरी बनाकर चल रही हैं। फिलहाल, सपा का तल्ख रुख देखकर कांग्रेस पार्टी ने अखिलेश यादव को और नाराज नहीं करने में ही अपनी बेहतरी समझी और साफ कर दिया कि उसका मायावती की पार्टी से गठबंधन का कोई इरादा नहीं है. कांग्रेस, 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के नेतृत्व में ही यूपी के रण में उतरेगी।
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