नसीरूद्दीन शाह ने इन फिल्मों को बताया अंधराष्ट्रवादी, लोगों को भड़काने का लगाया आरोप
द कश्मीर फाइल्स (The Kasmitr Files), द केरल स्टोरी (The Kerala Story) और गदर 2 (Gadar 2) जैसी फिल्मों को लेकर बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि ऐसी अंधराष्ट्रवादी फिल्मों की लोकप्रियता हानिकारक है। उनका ये भी मानना है कि कुछ फिल्म निर्माता ऐसी फिल्में बनाने के लिए बने हैं जो अनावश्यक रूप से अन्य समुदायों को नीचा दिखाती हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, नसीरुद्दीन (Naseeruddin Shah) ने कहा है कि अब आप जितना अधिक अंधराष्ट्रवादी होंगे, आप उतने ही अधिक लोकप्रिय होंगे, क्योंकि यही इस देश में अब चल रहा है। नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि अपने देश से प्यार करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना और आपको काल्पनिक दुश्मन पैदा करना होगा।
कट्टरवादी फिल्में बना रहे हैं निर्माता- शाह
नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि जो फिल्म निर्माता ऐसी कट्टरवादी फिल्में बना रहे हैं, उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वो बहुत हानिकारक है। उन्होंने आगे कहा कि ये परेशान करने वाली बात है कि कश्मीर फाइल्स, केरल स्टोरी और गदर 2 जैसी फिल्में इतनी लोकप्रिय हैं जबकि सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता द्वारा बनाई गई फिल्में, जो अपने समय की सच्चाई को चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, वैसी फिल्मे नहीं देखी जाती हैं। नसीरुद्दीन ने सुझाव दिया कि अनुभव सिन्हा, हंसल मेहता और सुधीर मिश्रा जैसे फिल्म निर्माताओं को हार नहीं माननी चाहिए, भले ही आज कम संख्या में लोग उनकी फिल्में देखें।
अन्य समुदायों को दिखाया जा रहा नीचा
बता दें कि केरल स्टोरी, केरल की महिलाओं के एक समूह की कहानी है, जिन्हें बल या धोखे से मुसलमान बना दिया जाता है। द कश्मीर फाइल्स, घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर केंद्रित है और हाल ही में रिलीज़ हुई गदर 2 एक सेना जनरल द्वारा बंदी बनाए जाने के बाद पाकिस्तान से एक पिता और पुत्र के भागने की कहानी है। तीनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई की है।
शाह ने कहा कि ये भयावह है जब फिल्म निर्माताओं को ऐसी फिल्में बनाने में शामिल किया जा रहा है जो सभी गलत चीजों की प्रशंसा करती हैं और बिना किसी कारण के अन्य समुदायों को नीचा दिखाती हैं। ये एक खतरनाक प्रवृत्ति है।
उन्होंने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha), हंसल मेहता (Hansal Mehta) और सुधीर मिश्रा (Sudhir Mishra) जैसे फिल्म निर्माता हिम्मत न हारें और कहानियां बताना जारी रखें। वे भावी पीढ़ी के लिए जिम्मेदार होंगे। सौ साल बाद लोग भीड़ देखेंगे और गदर 2 देखेंगे और फिर तय करेंगे कि कौन हमारे समय की सच्चाई को चित्रित करता है क्योंकि फिल्म ही एकमात्र माध्यम है जो ऐसा कर सकती है।
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