May 10, 2024

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Maharashtra: बारामती पर किसका होगा राज, बहू को मात दे पाएंगे शरद पवार?

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Maharashtra Politics

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Maharashtra: आगामी लोकसभा चुनाव के तहत पहली वोटिंग 19 अप्रैल को डलेगी। सभी राज्यों में चुनावी बिगुल बज गया है। तैयारियां जोरों पर हैं। राजनीति के लहजे से देखें तो कुछ राज्यों की सीट ऐसी भी हैं जिस पर सब की निगाहें टिकी हैं। लोकसभा चुनाव की बात हो और महाराष्ट्र सीट पर नजर न जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। महाराष्ट्र में अगर नेता के रूप में किसी का चेहरा दिखता है तो वह शरद पवार का है, लेकिन धीरे-धीरे शरद के हाथ से सब कुछ बिखारता दिखाई दे रहा है। सवाल यही है कि शरद इस बिखारती सरकार को कैसे संभालेंगे?

चाचा भतीजे के बीच दंगल

बारामती सीट पवार फैमिली की ये पारंपरिक सीट रही है और पार्टी में टूट के बाद इसी सीट पर पवार के लिए सबसे अधिक संकट भी इसी सीट से है। अजित पवार द्वारा भाजपा के साथ सत्ता में बने रहने और पार्टी पर दावा करने के बाद, बारामती लोकसभा क्षेत्र में राजनीतिक समीकरण बदल गए हैं। क्योंकि भतीजे अजीत पवार की पत्नी सुप्रिया सुले के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। चाचा भतीजे में इस सीट को लेकर दंगल चालू है।

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बारामती सीट पर चाचा-भतीजे की टक्कर

दरअसल जब UPA की सरकार में शरद पवार केंद्रीय कृषि मंत्री बने थे, तब शरद पवार ने बारामती निर्वाचन क्षेत्र का प्रभार भतीजे अजीत पवार को सौंप दिया था क्योंकि वह महाराष्ट्र में कैबिनेट मंत्री थे। इस वजह से अजित पवार को बारामती विधान सभा पर अपना प्रभुत्व फैलाने का मौका मिल गया। पार्टी टूटने के बाद भी अजित पवार को बारामती शहर में भारी समर्थन मिलता रहा। पवार ने भतीजे से बदला लेने के लिए संभाजी काकड़े के साथ बीजेपी नेता चंद्रराव तावरे से मुलाकात कर पुरानी दोस्ती को फिर से शुरु करने की साजिश रची।

Sharad Pawar and Ajit Pawar

शरद पवार नए समीकरण बनाने में जुटे

बता दें कि बारामती लोकसभा क्षेत्र में छह में से दो विधानसभाएं बीजेपी की हैं। इंदापुर से दो बार के विधायक दत्तात्रेय भरणे अजित पवार के साथ हैं। बारामती शहर में अजित पवार विधायक हैं, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि सुप्रिया सुले का वोट शेयर घट सकता है। ऐसे समय में शरद पवार राजनीतिक विरोधियों के सा बैठकें करने में लगे हैं। अजित पवार के समर्थन के कारण बारामती से सुप्रिया सुले को हमेशा बढ़त मिलती रही है। वहीं शरद पवार नए समीकरण बनाने में जुटे हैं।

किसके हिस्से शह और मात ?

गौरतलब है कि इस समय बारामती की स्थिती बहुत खराब है। बारामती क्षेत्र इस समय सूखे से जूझ रहा है। अजित पवार से पहले शरद पवार ने पुरंदर और इंदापुर विधानसभा क्षेत्रों में सूखा बैठकें कीं हैं। लोकसभा चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर रखने की अपील की है। देखना दिलचस्प होगा की इस सीट से किसको मिलागी शह और किसको मात?

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