बिहार में दिख रहा मध्य प्रदेश चुनाव का असर, मुख्यमंत्री का ऐलान होते ही मचा घमासान
Madhya Pradesh Election: मध्य प्रदेश चुनाव में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने यादव कार्ड खेल है। मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पर बिहार में भी सियासत गर्मा गई है। वहीं, इसे लेकर अब जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का बयान आया है।
3 दिसंबर को आए थे मध्य प्रदेश चुनाव के नतीजे
मध्य प्रदेश चुनाव में बीजेपी को 163 सीटों के साथ प्रचंड जीत मिली थी। 3 दिसंबर को चुनाव नतीजे आ गए थे। बीजेपी ने 11 दिसंबर को नए सीएम के नाम का ऐलान किया। पार्टी ने सीएम शिवराज के साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल समेत तमाम दिग्गजों को दरकिनार कर मोहन यादव के नाम का ऐलान कर सबको चौंका दिया था।
जातिगत जनगणना की साजिश हैं मोहन यादव
जेडीयू ने बीजेपी के इस दांव के पीछे जातिगत जनगणना को बताया है। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि “बीजेपी के फैसले के पीछे जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट का दबाव है।” उन्होंने कहा है कि “बिहार में जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी किए जाने के बाद से बीजेपी बेचैनी में है और इसीलिए मोहन यादव को एमपी का सीएम बनाने का फैसला हुआ है।”
नीरज कुमार ने ये भी कहा कि “मोहन यादव के चेहरे का बिहार में बीजेपी को कोई फायदा नहीं होगा।” उन्होंने आगे कहा कि “मोहन यादव ने माता सीता को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। उसे यदुवंशी नहीं भूलेंगे।” जेडीयू प्रवक्ता ने दावा किया कि बिहार में आज भी लालू यादव बड़ा फैक्टर हैं। लालू यादव का अपना जनाधार है। उन्होंने कहा कि “बीजेपी का चाल-चरित्र और चेहरा अब सामने आ गया है।”
जेडीयू प्रवक्ता ने तंज करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबी को जाति बताते हैं और अब जाति देखकर सीएम बना रहे हैं।” वहीं, आरजेडी के विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि “मोहन यादव को सीएम बनाने का बिहार पर कोई असर नहीं होगा। यहां लालू यादव ही नेता हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “बिहार क्रांति की भूमि है, यहां लालू यादव के सामने कोई टिकने वाला नहीं है।” वीरेंद्र ने आगे कहा कि “हम लोग मोहन यादव को जानते भी नहीं हैं और “लालू यादव के परिवार के लोगों को इसलिए आरजेडी में नेतृत्व मिला क्योंकि वे राजनीति में सक्रिय हैं।”
सीता माता को लेकर क्या था यादव का बयान?
मोहन यादव का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने राम और सीता के वनवास को लेकर टिप्पणी की थी। मोहन यादव ने कहा था कि “जिन माता सीता का हरण करके रावण ले गया था, बड़ा युद्ध लड़कर राम उन्हें वापस ले आए। रघुकुल की मर्यादा के कारण भगवान राम ने गर्भवती होने के बावजूद सीता को छोड़ दिया था और उन्हें अपने बच्चे जंगल में पैदा करने पड़े। आज के दौर में ऐसा होने पर तलाक हो जाता हैं।”
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