“हिंदी राज्यों को बताया गौमूत्र राज्य”- बीजेपी को कोसते हुए मर्यादा भूले DMK सांसद
SenthilKumar: डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिल कुमार ने विवादित बयान देते हुए कहा है कि बीजेपी केवल हिंदी पट्टी के राज्यों में चुनाव जीतती है और वह दक्षिण भारत में नहीं जीत सकती। इन राज्यों को हम आम तौर पर ‘गौमूत्र’ राज्य कहते हैं।
हिंदी पट्टी को ले दिया विवादित बयान
पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद डीएमके सांसद डीएनवी सेंथिल कुमार के हिंदी पट्टी के प्रदेशों को लेकर दिए गए विवादित बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। सेंथिल कुमार के इस बयान से जंग और तेज हो गई है उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘बीजेपी की ताकत केवल हिंदी पट्टी के राज्यों में चुनाव जीतना है। इन राज्यों को हम आम तौर पर ‘गौमूत्र’ राज्य कहते हैं।’
सेंथिल कुमार ने यह बयान उस समय दिया, जब लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 पर बहस हो रही थी। बहस में भाग लेते हुए डीएनवी सेंथिल कुमार ने कहा, “केंद्र शासित प्रदेश हमेशा राज्य बनना चाहते हैं, लेकिन यह पहला मामला है जहां एक राज्य केंद्र शासित प्रदेश बन गया है।”
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बीजेपी बनाती है केंद्र शासित प्रदेश
डीएमके सांसद ने आगे कहा कि बीजेपी ने हाल ही में कई राज्यों में चुनाव जीते। जब उन्हें लगता है कि वह किसी राज्य में जीत नहीं सकते हैं तो वे इसे केंद्र शासित प्रदेश बना देते हैं, जहां वे राज्यपाल को कंट्रोल कर सकते हैं और उनके जारीए शासन चला सकते हैं। अगर उन्हें वहां जीत का भरोसा होता तो वे ऐसा नहीं करते, उन्होंने कहा “इसलिए इस देश के लोगों को यह सोचना चाहिए कि बीजेपी की ताकत मुख्य रूप से हिंदी राज्यों में है और इन्हें हम आम तौर पर ‘गौमूत्र राज्य’ कहते हैं।” उन्होंने दावा किया कि बीजेपी की दक्षिण भारतीय राज्यों में चुनाव जीतने की कोई संभावना नहीं है उन्होंने कहा, “आप (बीजेपी) दक्षिण भारत नहीं आ सकते। केरल, तमिलनाडु कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुए सभी नतीजे देखें, हम वहां बहुत मजबूत हैं।”
बीजेपी का पलटवार
डीएमके सांसद की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि ‘तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल की बातचीत का स्तर नीचे गिर चुका है। एक तरफ डीएमके के कुशासन के कारण चेन्नई पानी में डूब रही है, तो दूसरी ओर संसद में उनके भाषण का स्तर भी गिर रहा है।’
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