CBI के सामने पेश नहीं होंगे Akhilesh Yadav, अवैध खनन मामले के समन को बताया चुनावी साजिश
Akhilesh Yadav: समाजावदी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव आज सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। सीबीआई ने गवाह के तौर पर अखिलेश यादव का नाम फाइल में दर्ज किया है। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि अखिलेश यादव आज दिल्ली नहीं जाएंगे। बता दें कि यूपी में अवैध खनन केस में सीबीआई ने बतौर गवाह अखिलेश यादव को पूछताछ के लिए बुलाया था। अवैध खनन का ये मामला 2012 से 2016 के बीच का है जब अखिलेश यादव यूपी के सीएम थे और खनन महकमा उनके पास था।
लोकसभा चुनाव का बहाना
दरअसल सीबीआई की ये पूछताछ ऐसे वक्त में होने वाली थी जब लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। ऐसे में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इसे चुनावी साजिश बता रहे हैं।
CRPC सेक्शन 160
बता दें कि सीबीआई की तरफ से CRPC के सेक्शन 160 के तहत अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस सेक्शन के तहत किसी भी मामले की जांच के लिए कोई भी पुलिस अधिकारी गवाह को समन जारी कर सकता है।
पार्टी ऑफिस में मीटिंग है
खबरों से पता चला है कि अखिलेश यादव दिल्ली जाना ही नहीं चाहते। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ”लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर कल अखिलेश यादव की पार्टी ऑफिस में पहले से ही कई मीटिंग्स हैं। ऐसे में दिल्ली जाना संभव नहीं है।”
पीडीए पर आधारित मीटिंग
सपा के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने भी बयान जारी किया है और कहा है कि ”अखिलेश यादव की आज लखनऊ के पार्टी दफ्तर में मीटिंग है। पीडीए पर आधारित यह मीटिंग होनी है। इसी वजह से वह दिल्ली नहीं जा सकते।’‘ साथ ही समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र कुमार का कहना है कि ”अखिलेश यादव दिल्ली नहीं जाने वाले हैं। लखनऊ में होने वाले मीटिंग में वो शामिल होंगे।”
चुनाव आते ही नोटिस आता है
सीबीआई की तरफ से नोटिस मिलने के बाद अखिलेश यादव ने कहा कि ”यह एक राजनीतिक हमला है। उन्होंने आगे कहा कि ”समाजवादी पार्टी भाजपा के लिए सबसे बड़ी टारगेट है। साल 2019 में भी मुझे नोटिस मिला था, तब भी लोकसभा चुनाव थे। ऐसे में अब जब फिर से लोकसबा चुनाव आ रहा है, तो फिर से मुझे नोटिस भेजा जा रहा है।” अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि ”मैं जानता हूं कि जब चुनाव आता है तो नोटिस भी आते हैं। इतनी बेचैनी क्यों? यदि भाजपा ने पिछले 10 सालों में खूब काम किया है तो डर किस बात का है।”
अवैध खनन का पूरा मामला
अवैध खनन के जिस मामले में आज सीबीआई अखिलेश से पूछताछ करने वाली है वो पूरा मामला साल 2012 से 2016 के बीच का है। उस समय तब यूपी में सपा की सरकार थी और अखिलेश यादव यूपी के सीएम थे। उस वक्त यूपी के 22 जिलों मे अवैध खनन का आरोप लगा था। अवैध खनन की शुरुआत हमीरपुर से हुई थी। वहीं जब मामला कोर्ट गया तो इलाहाबाद कोर्ट ने 28 जुलाई 2016 को केस दर्ज करने के आदेश दिए। फिर कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने केस दर्ज किया।
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