दिल्ली के बाद क्या नोएडा में लगेगा “MINI LOCKDOWN”?
प्रदेश के अधिकांश शहरों में नवंबर की शुरुआत में ही प्रदूषण का स्तर खराब से खतरनाक तक पहुंचता दिख रहा है। अभी ठंड पूरी तरह से शुरू नहीं हुई है इस प्रकार की स्थिति ठंड की शुरुआत में ही हो गई है। ठंड बढ़ने के बाद स्थिति बेकाबू होने की आशंका जताई जाने लगी है।
प्रदूषण की समस्या हवा में धूलकण और धुआं बढ़ने से बढ़ रही है। यह हवा से ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देती है। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 और पीएम 2.5 का 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा बढ़ते ही लोगों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो जाती है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार हवा में प्रदूषण के स्तर को खतरनाक बता रहा है। शहर में एक्यूआई 391 के स्तर पर है। शुक्रवार को यह 467 के आसपास दिख रहा था। स्मॉग की चादर से सब कुछ धुंधला नजर आता दिख रहा है ।
Also Read: नेपाल में फिर भूकंप का कहर,अबतक100 सेअधिक लोगों की गई जान, PM मोदी ने जताया दुःख
शहर में विजिबिलिटी महज 600 मीटर दिख रही है। शनिवार को दिन में भी शहर में करीब 6 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती दिख रही है। गाजियाबाद में भी हवा में प्रदूषण का स्तर काफी खराब है। शहर में भी स्मॉग का असर दिख रहा है। शहर में एक्यूआई 386 दर्ज किया गया है।
प्रदूषण के स्तर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नोएडा की हवा में पीएम 10 का स्तर 639 मिलीग्राम प्रति घन मीटर है। वहीं, गाजियाबाद की हवा में पीएम 2.5 का स्तर 430 मिलीग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है। दोनों शहरों में बीमार लोगों को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी है। मौसम विभाग की ओर से दिन में प्रदूषण का स्तर इसी प्रकार का रहने का अनुमान है। ऐसे में लोगों की समस्या पूरे दिन बनी रह सकती है। आगरा में भी धूंध का असर दिख रहा है। ताजनगरी में प्रदूषण का स्तर 264 तक पहुंचा हुआ है।