क्या बिहार में लोकसभा के साथ होंगे विधानसभा चुनाव क्या एनडीए में
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में होने हैं। इंडिया गठबंधन में कुछ ठीक नहीं चल रहा है और बिहार के सीएम नीतीश कुमार पहले से ही राजद से नाराज चल रहे हैं। बता दें कि केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हुईं और इंडिया गठबंधन के तहत मीटिंग भी हुई। जब सीट शेयरिंग की बात आई तो विपक्षी दलों के तेवर बदले-बदले नजर आ रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी ने पहले ही कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा से किनारा कर लिया है और अब नीतीश कुमार भी इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे। इस बीच चर्चा चल रही है कि लोकसभा चुनाव के साथ बिहार में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।
नई कार्यकारिणी का गठन
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लालू यादव और तेजस्वी यादव की नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कुछ हासिल नहीं हुआ है। नीतीश कुमार अब भी खामोश हैं। बयानबाजी और कयासों का दौर जारी है। सियासी चर्चा में यही बात सामने आ रही है कि नीतीश कुमार एनडीए के साथ जाने का पक्का मन बना चुके हैं। सिर्फ मुहूर्त का इंतजार है।
नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ जाने में आने वाली सभी बाधाएं दूर कर ली हैं। जेडीयू को पुनर्गठित किया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर नई कार्यकारिणी तक का गठन कर लिया गया है। मुद्दे की बात यह है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को हटाए जाने के बाद अब उनकी गठित कार्यकारिणी भंग कर नई कमेटी बना दी गई है। वशिष्ठ नारायण सिंह को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। नई कमेटी में 22 लोग हैं।
ललन सिंह की कमेटी का कोई नाम नई कार्यकारिणी में नहीं है। अब कोई भी नीतिगत फैसला लेने के लिए नीतीश कुमार की अपनी कमेटी तैयार है। जेडीयू के महागठबंधन से अलग होने और एनडीए में जाने के लिए नीतीश के सामने अब कोई बाधा नहीं दिख रही है।
जेडीयू और भाजपा की बढ़ती नजदीकियां
उड़ती-उड़ती खबरें आ रही हैं कि सैद्धांतिक रूप से जेडीयू ने एनडीए का हिस्सा बनने का निर्णय ले लिया है। खबरों में यह बात भी चर्चे में है कि बीजेपी ने एनडीए में जेडीयू को शामिल करने के लिए जो शर्तें रखी हैं, उनमें पहली शर्त यह है कि नीतीश कुमार विधानसभा भंग कर दें। लोकसभा के साथ ही विधानसभा के चुनाव हों। दूसरी शर्त है, जेडीयू को असेंबली और लोकसभा चुनाव में भाजपा पूर्व की भांति बराबर सीटें तो देगी, लेकिन जेडीयू को असेंबली में अधिक सीटें आईं भी तो नीतीश की जगह सीएम भाजपा से बनेगा। शायद नीतीश ने हां भर दी है। भाजपा भी तैयार है।
बिहार में भी सीट बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में मनमुटाव चल रहा है। राज्य में आरजेडी और जेडीयू बराबर सीट चाहती हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए सिर्फ 5 सीटें ही बच रही हैं और वहीं नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच भी नाराजगी की बात सामने आ रही हैं। वहीं बिहार में सीएम नीतीश कुमार के प्रति बीजेपी नेताओं के तेवर कुछ नरम नजर आ रहे हैं।
राजनीति में टाइमिंग का बहुत महत्व है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा करके बिहार को रिझाने का काम किया है। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार का रुख भी नरम दिखाई पड़ा और उन्होंने तुरंत इसके लिए मोदी का आभार व्यक्त किया। ऐसे में यह सारी बातें सिर्फ इस तरफ इशारा कर रहीं हैं कि नीतीश कुमार बीजेपी में शामिल हो गए तो वे विधानसभा भंग कर सकते हैं। तब लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।
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