April 26, 2024

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थोडा और इंतजार, बन सकते थे मुख्यमंत्री, क्या तेजस्वी ने मारी खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी .? जाने पूरा राजनीतिक सफर…

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Tejashwi Yadav

Tejashwi Yadav Political Journey : सात वर्ष पहले विधायक बने तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज दूसरी बार उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली हैं. बता दें कि जहां उनके राजनीतिक सितारे गर्दिश की और जा रहें थे तो अब वहीं उनकी किस्मत ने एक बार पलटी मारी है और उन्होंने राजनीति में एक शानदार शुरुआत की है. हालंकि दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बनने से पहले भी उन्होंने (Tejashwi Yadav) एक सशक्त विपक्ष के नेता के रूप में अपनी छवि बनाई हैं.

लालू और राबड़ी के 9वें पुत्र हैं तेजस्वी

Tejashwi Yadav

9 नवंबर, वर्ष 1989 को जन्मे तेजस्वी यादव, लालू (Lalu yadav) और राबड़ी देवी (Rabri Devi) के नौ बच्चों में सबसे छोटे पुत्र हैं. बता दें कि तेजस्वी अपने पिता (Lalu yadav) के सबसे चहेते भी हैं. तेजस्वी की सात बड़ी बहनें और एक छोटी बहन हैं और एक बड़े भाई तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) हैं.

लालू की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने चंडीगढ़ (Chandigarh) की रहने वाली राचेल आयरिश (Rachel Irish) से विवाह किया है. हालांकि शादी के बाद राचेल ने अपना नाम राजश्री (Rajshree) कर लिया था.

क्रिकेट के मैदान में हार गए थे तेजस्वी 

Tejashwi Yadav

राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की ओर से अपनी शिक्षा को लेकर अक्सर निशाना बनाए जाने वाले तेजस्वी (Tejashwi Yadav) ने राजधानी दिल्ली के, आर के पुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल में कक्षा नौवीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी.

जिसके बाद उन्होंने क्रिकेट के मैदान में अपनी आकांक्षाओं को आगे बढ़ाया, लेकिन वहां भी उन्हें कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी, तो उन्होंने साल 2015 में राजनीति में प्रवेश करने से कुछ वर्ष पहले महज 25 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी.

आरजेडी को मजबूत बनाए रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी 

Tejashwi Yadav

बहरहाल राजनीति की पिच उनके लिए सही साबित हुई. बता दें कि उन्होंने राघोपुर से विधानसभा का चुनाव आसानी से जीत लिया था. इस चुनाव में आरजेडी (Rashtriya Janata Dal) और जेडीयू (Rashtriya Janata Dal) के बीच गठबंधन हुआ था, जो कि कुछ ही दिनों बाद टूट भी गया था.

यूपी सरकार के पहले कार्यकाल में जब लालू (Lalu yadav) रेल मंत्री थे, तो उस वक्त जमीन के अवैध लेन-देन से जुड़े धन शोधन के एक मामले में तेजस्वी का भी नाम सामने आया था. जिस पर विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जोरदार हमला किया था, जिसके बाद नीतीश (Nitish Kumar) ने आरजेडी (Rashtriya Janata Dal) से गठबंधन तोड़ दिया था और एनडीए में वापस लौट गए थे.

गौरतलब है कि चारा घोटाले से जुड़े कई मामलों में जब तेजस्वी के पिता लालू यादव जेल में थे तो तेजस्वी ने आरजेडी को मजबूत बनाए रखने का हर संभव प्रयास किया था.

तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर उठने लगे थे सवाल

Tejashwi Yadav

हालांकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में जब आरजेडी (Rashtriya Janata Dal) को करारी हार मिली थी और राज्य की 40 में 39 सीटों पर एनडीए ने कब्जा जमा लिया था तो तब तेजस्वी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने लगे थे. उस समय बीजेपी और जेडीयू ने उनका खूब मजाक उड़ाया था. लेकिन जब विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई तो तब सबने तेजस्वी (Tejashwi Yadav) को एक नए रूप में देखा. पार्टी के भीतर विरोध की आवाज उठाने वालों के प्रति उन्होंने कड़ा रुख अपनाया, तो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) सहित अन्य दलों के साथ गठबंधन में उन्होंने राजनीतिक कौशल का भी प्रदर्शन किया.

थोडा और इंतजार करते, तो होते मुख्यमंत्री .?

Tejashwi Yadav

नेता लालू प्रसाद के 33 वर्षीय छोटे पुत्र (Tejashwi Yadav) ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की चुनावी कमान संभाली थी और प्रभावी प्रदर्शन भी किया था. जिसके बाद आज उन्होंने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (Janata Dal United) से गठबंधन कर लिया है. जो कि आसान नहीं था. लोगों का मानना है कि तेजस्वी के इस कदम ने पांच साल पहले आरजेडी को सत्ता से बाहर कर पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल करने वाली बीजेपी को करारा झटका दिया है.

तो किसी का मानना है कि तात्कालिक फायदे के लिए उपमुख्यमंत्री बनना उन्होंने स्वीकार किया लेकिन अगर वह थोडा और इंतजार करते तो शायद मुख्यमंत्री की कुर्सी भी हासिल कर सकते थे..?

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