Rice Export Ban: गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट पर लगा बैन, विदेशी बाजारों में भारतीय चावल की किल्लत
Rice Export Ban: भारत सरकार (Indian Government) ने गुरुवार को चावल के एक्सपोर्ट को लेकर सख्त फैसला लिया है. सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन (Rice Export Ban) लगा दिया है. घरेलू बाजार में गैर-बासमती चावल की बढ़ती कीमतों को काबू करने (Rice Export Ban) के लिए यह फैसला किया गया है. खबर से व्यापारी वर्ग नाराज है, मगर अमेरिका में इस खबर से नारजगी है. आपको बता दें, वहां बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं जो चावल का उपयोग अपने रोजमर्रा के भोजन में करते हैं. अमेरिका में खासतौर पर सोना मंसूरी चावल की खूब डिमांड है.
भारत के बैन से अमेरिका में चावल की कीमत पर असर
विदेशों में रह रहे भारतीय चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध (Rice Export Ban) की खबर पाकर किराना की दुकानों पर टूट पड़े. पैकेट के पैकेट गाड़ियों में लादकर घर ले गए. मौका देखकर बहुत सारे स्टोर्स ने चावल के दाम बढ़ा दिए हैं. खबरों की मानें तो भारत के बैन से अमेरिका (USA) में चावल की सप्लाई और कीमत पर असर पड़ सकता है.
बता दें कि अमेरिका (USA) में दक्षिण भारतीयों की संख्या अच्छी-खासी है और दक्षिणी भारत में चावल का खानपान विशेष स्थान पर है. दक्षिणी लोग चावल के बिना खाने की कल्पना भी नहीं कर सकते. भारत से चावलों पर बैन (Rice Export Ban) लगने की खबर मिलने के बाद विदेशी बाजारों में भारतीय चावल की किल्लत हो सकती है. ऐसे में चावल के निर्यात पर बैन की खबर को भांपते हुए विदेशों में रह रहे भारतीय किचन में चावल भरने के लिए निकल पड़े हैं. यहाँ किराना की दुकानों पर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं.
माॅनसून की मार है इसकी सबसे बड़ी वजह
जानकारी के अनुसार, भारत सरकार (Indian Government) के इस फैसले (Rice Export Ban) से दुनियाभर में चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं. भारत 2012 से दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक रहा है. अमेरिका समेत 100 से ज्यादा देशों में भारत से चावल भेजा जाता है. सरकार जल्द ही गेहूं और दाल की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए भी कुछ और बड़े कदम उठा सकती है.
आपको बता दें, जहां मॉनसून (Monsoon) की बारिश से देश का कुछ हिस्सा बाढ़ की वजह से डूब रहा है. वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां औसत से कम बारिश हो रही है. खासकर उन राज्यों में कम बारिश हो रही है, जहां धान का सबसे ज्यादा पैदावार होता है. जिसमें पश्चिम बंगाल (West Bengal), महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक जैसे राज्यों में धान की कम बुआई हो पाई है. जबकि पश्चिम बंगाल (West Bengal) और छत्तीसगढ़ धान का बड़ा उत्पादक राज्य है, जो भारत को दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बनातें हैं.
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