कृष्ण भक्ति में लीन हुए PM Modi और CM Yogi, Mathura की जनता को दिया नायाब तोहफा!
PM Modi: पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (23 नवंबर) को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी, पुजारी सहित कुल 17 लोगों ने भागवत भवन में पूजा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान कृष्ण भक्त की 525वीं जयंती मनाने के लिए आयोजित मीराबाई जन्मोत्सव में पहुंचे। मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने पीएम का स्वागत करते भारतीय नृत्य द्वारा किया और उन्हें मीरा बाई की प्रतिमा भेंट की।
पीएम बोले राधे-राधे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत राधे-राधे से की और सबसे पहले क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि मैं क्षमा चाहता हूं कि चुनाव में था, इसलिए कुछ देरी हो गई। लेकिन आज मेरा सौभाग्य है कि ब्रज और ब्रजवासियों के दर्शन का अवसर मिला है। यहां वही आता है जिसे कृष्ण बुलाते हैं। ये साधारण धरती नहीं है। ये श्याम और लाड़ली जी के प्रेम का अवतार है ब्रज में राधा रानी हैं।
प्रधानमंत्री ने ब्रज आना मेरा सौभाग्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “ये साधारण धरती नहीं है। ब्रज की रज भी पूरे संसार में पवित्र मानी जाती है। यहां कण-कण में राधा और कृष्ण समाए हैं। विश्व के सभी तीर्थ यात्रा से जो लाभ मिलता है। यहाँ आने से सब मिल जाता है। मुझे मीराबाई की जयंती पर आने का सौभाग्य मिला है। मैं राधा कृष्ण के चरणों में नमन करता हूं और सभी साधु- संतों को प्रणाम करता हूं”।
एक स्मारक डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का
इस दौरान पीएम ने संत मीराबाई की 525वीं जयंती के अवसर पर उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट और 525 रुपये का सिक्का भी जारी किया। उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम और केदार धाम का भी उल्लेख किया और कहा कि अयोध्या ने वह देखा है जिसका वर्षों से इंतजार किया जा रहा था तथा अब 22 जनवरी- अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन का इंतजार है।
भारत नारीशक्ति को पूजता है
पीएम मोदी ने कहा, “राजस्थान से आकर मथुरा वृन्दावन में प्रेम की धारा बहाने वाली संत मीराबाई ने भी अपना अंतिम जीवन द्वारका में बिताया था। हमारा भारत हमेशा से नारीशक्ति का पूजन करने वाला देश रहा है। हमारे देश में महिलाओं ने हमेशा जिम्मेदारियां भी उठाई हैं और समाज का लगातार मार्गदर्शन भी किया है।”
हमें अपनी विरासत पर गर्व की है
उन्होंने कहा, ”आज आजादी के अमृतकाल में पहली बार देश गुलामी की मानसिकता से बाहर आया है। हमने लाल किले से पंच प्रणों का संकल्प लिया है। हम अपनी विरासत पर गर्व की भावना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भगवान कृष्ण से लेकर मीराबाई तक, ब्रज का गुजरात से एक अलग से ही रिश्ता रहा है।”