Manipur Violence: गृहमंत्री अमित शाह ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, ये नेता बने बैठक का हिस्सा
Manipur Violence: मणिपुर के हालत पिछले डेढ़ महीने से बिगड़े हुए हैं. इसमें हिंसा से लगभग 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. कुछ दिनों पहले गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया था और उसके बाद उपद्रवी संगठनों की संधि कराने के लिए एक मीटिंग हुई थी, लेकिन फिर भी हिंसा (Manipur Violence) थमने का नाम नहीं ले रही है.
उसके बाद इस मुद्दे को लेकर सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाई गई है. यह बैठक केंन्द्रीय गृहमंत्री ने संसद भवन में बुलाई है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) भी इस बैठक का हिस्सा हैं.
ये नेता हुए हैं बैठक में शामिल, देखें विडियो
#WATCH मणिपुर के हालात पर संसद भवन में सर्वदलीय बैठक शुरू हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं। pic.twitter.com/eIjcRulSsj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 24, 2023
गृहमंत्री की अध्यक्षता में चल रही इस बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, बीजेपी नेता पिनाकी मिश्र, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा (CM Conrad Sangma), आरजेडी के मनोज झा, पशुपति पारस और सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास, टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन समेत अन्य नेता मौजूद हैं. इसमें केंद्र सरकार सभी दलों के नेताओं को हिंसा और उसकी वजहों के बारे में ब्रीफ करेगी और विपक्षी नेताओं से सुझाव लेने की कोशिश करेगी.
50 हजार से ज्यादा लोग छोड़ चुके हैं अपना घर
मणिपुर के हालात 3 मई से बिगड़ने शुरु हुए थे, जब मैतेई समुदाय (Meitei Community) की ओर से अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में हिंसा (Manipur Violence) शुरु हुई. उसके बाद हिंसा में अब तक करीब 120 लोगों की जान गई है और 3,000 से अधिक घायल हुए, 50 हजार से ज्यादा लोगों ने अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण ली है. राज्य में जारी अशांति को देखते हुए इंटरनेट पर प्रतिबंध (Internet Shutdown) को 25 जून तक बढ़ा दिया गया है.
अमित शाह के दौरे के दौरान उन्होंने लोगों से अपील की थी कि अपने हथियार पुलिस और सरकार को सौंप दें, लेकिन लूटे गए 6,000 हथियारों में से अभी सिर्फ 1500 भी वापस नहीं हुए हैं और यही नहीं, रोड ब्लॉक कर सुरक्षा बलों का रास्ता रोका जा रहा है. अब तो असम राइफल (Assam Rifels) सहित दूसरे सुरक्षा बलों पर हमले (Manipur Violence) भी होने लगे हैं. इसके मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से यह सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, जिसकी मांग विपक्ष काफी समय से कर रहा था.
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