Maharashtra News: लड़की की खुदकुशी की वजह बना उसका पहला पीरियड, पीरियड्स में बच्चियों को कैसे करें गाइड?
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुंबई से एक चौंका देने वाली खबर सामने आई है। मंगलवार 26 मार्च 2024 को मुंबई के मलाड इलाके के मालवणी में घटी इस घटना ने सबको सोचने पर मजबूर कर दिया है क्या कोई बच्ची ऐसा भी कर सकती है। बता दें कि एक 14 साल की लड़की ने देर रात में अपने पहले पीरियड पर दर्द की वजह से खुदकुशी कर ली है। खबरों के मुताबिक पीरियड के दर्द की वजह से लड़की काफी तनाव में थी और डिप्रेशन जैसी स्थिति में चली गई थी। जब घर पर कोई मौजूद नहीं था, तब लड़की ने यह कदम उठाया। लड़की को सोमवार यानी 25 मार्च होली वाले दिन पहली बार पीरियड का पता चला था।
पीरियड्स में काउंसलिंग की जरूरत
फिर उसके बाद परिवार के सदस्य लड़की को नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। पुलिस मामले में आगे की जांच में जुटी है। कई लड़कियां पीरियड्स से अनजान हैं। ऐसे मामलों में उचित जागरूकता और काउंसलिंग की जरूरत है।
बच्चियों के लिए बहुत खतरनाक
दरअसल लड़कियों को 12 से 16 साल की उम्र के बीच में पीरियड्स हो जाते हैं। मां ही अक्सर इस दौरान बेटी को पीरियड्स के बारे में बताती है। लेकिन, देखा जाता है कि पीरियड्स (Periods) शुरू होने से पहले ही कितनी बच्चियों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती और पीरियड्स होने के बाद भी उनके सवालों का बस यही जवाब मिलता है कि ‘यह हर लड़की के साथ होता है।’ पीरियड्स को लेकर जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण ही लड़की आत्महत्या जैसा कदम उठा रही हैं। जानकारी समय से ना देना बच्चियों के लिए बहुत खतरनाक साबित हो रहा है।
जरूर बताएं पीरियड्स से जुड़ी यह बातें
1. 10 साल की उम्र के बाद से ही बेटी को पीरियड्स के बारे में जानकारी देना शुरु कर दें। उसे बताएं कि यह हर महीने होने वाली एक प्रक्रिया है। हफ्ते में 4 से 5 दिन पीरियड्स हो सकते हैं यह भी बताएं। पीरियड्स के दौरान पैड्स (Pads) किस तरह इस्तेमाल करते हैं, किस तरह फेंकते हैं और कैसे पर्सनल हाइजीन मेंटेन करते हैं? उसे सिखाएं। उसे पीरियड्स के बारे में कुछ भी पूछने के लिए झिझकने की जरुरत नहीं है उसे इस बात का भरोसा दिलाएं।
2. बेटी को पीरिड्स में होने वाले दर्द के बारे में भी बताएं पेट में दर्द, पीठ में ऐंठन और कभी-कभी सीने में दर्द, कमर दर्मद महसूस होता है। उसे कहें कि जब भी उसे पीरियड्स में जरूरत से ज्यादा दर्द महसूस हो तो आपसे कहे घबराए ना।
3. पीरियड्स में होने वाले तनाव को नजरअंदाज ना करें। बेटी को इस तनाव से निपटने के तरीके बताएं, उसे आराम करना है तो किसी काम के लिए जबरदस्ती ना करें और सबसे जरूरी है कि पीरियड्स के दर्द (Menstrual Pain) या स्ट्रेस को लेकर उसकी बाकी लड़कियों से तुलना ना करें। सभी के लिए यह अनुभव अलग-अलग होता है।
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