बिहार: राज्य में सीबीआई की ताबड़तोड़ छापेमारी से चिंतित राजद यानी की आरजेडी (RJD) के लिए दिन ख़त्म होने से पहले एक अच्छी खबर सामने आई. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) को एक बड़ी राहत मिली है. आदर्श चुनाव संहिता मामले में लालू यादव हाजीपुर कोर्ट में थे. जहां पेशी के दौरान कोर्ट में उन्होंने खुद को निर्दोष बताया. वहीं, कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर लालू यादव (Lalu Yadav) को बरी करने का आदेश दिया. इस दौरान कोर्ट के बाहर काफी संख्या में राजद नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.
क्या था पूरा मामला
दरअसल 2015 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का एक मामला दर्ज किया गया था. उनके खिलाफ राघोपुर के सीओ निरंजन कुमार ने चुनावी सभा में जातीय शब्द का प्रयोग करने को लेकर गंगाब्रिज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी.

राजद सुप्रीमो लालू यादव के खिलाफ यह केस हाजीपुर सिविल कोर्ट में दर्ज किया गया था. जिसमें सात साल बाद कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है. कोर्ट से निकलने के बाद लालू प्रसाद सीधे पटना के लिए रवाना हो गए. इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों पर बोलने से भी परहेज किया. बरी होने के बाद कोर्ट परिसर के बाहर समर्थकों ने लालू राबड़ी जिंदाबाद के नारे लगाए.
पहले भी लग चुका है आरोप
बता दें कि इससे पहले भी साल 2009 में चुनाव के दौरान लालू यादव (Lalu Yadav) पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था. उस समय में लालू प्रसाद यादव झारखंड विधानसभा चुनाव 2009 के दौरान गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी प्रत्याशी गिरिनाथ सिंह के प्रचार में हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे. जहां गोविंद उच्च विद्यालय में उनकी सभा होनी थी. जिसके लिए प्रखंड में हेलीपैड बनाया गया था.
प्रशासन ने भी इसके लिए अनुमति दी थी. लेकिन लालू यादव का हैलीकाप्टर निर्धारित हेलीपैड पर लैंड कराने की बजाय विद्यालय के मैदान में उतर गया. जिसके बाद अफरा-तफरी मच गई थी. जिसके बाद उनके खिलाफ आचार संहिता का उल्लघंन करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था.
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