Dahi Handi Festival

Dahi Handi Festival 2022: देशभर में जन्माष्टमी के उत्सव को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस मौके पर दही हांडी महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। कृष्ण जन्म के बाद दही हांडी का उत्सव (Dahi Handi Festival) मनाने की मान्यता है और यह महाराष्ट्र और गुजरात में सबसे अधिक लोकप्रिय है।

कब मनाई जाएगा इस वर्ष दही हांडी पर्व?

Dahi Handi Festival

हर वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है लेकिन इस वर्ष जन्माष्टमी तिथि को लेकर बहुत उलझन की स्थिति रही है। कुछ लोगो ने यह पर्व 18 अगस्त को मनाया तो कुछ ने 19 अगस्त को। जिन लोगों ने जन्माष्टमी का पर्व 18 अगस्त को मनाया है, उनके लिए दही हांडी (Dahi Handi Festival) का उत्सव 19 अगस्त को मनाया जाएगा, और वहीं जिन्होंने जन्माष्टमी का पर्व 19 अगस्त को मनाया, उनके लिए दही हांडी का उत्सव 20 अगस्त को मनाया जाएगा।

क्यों मनाया जाता हैं दही हांडी का पर्व?

Dahi Handi Festival

कृष्ण का धरती पर अवतरण एक क्रांतिकारी घटना थी। उन्होंने जन्म से ही लीलाएं की थीं, उनमें से एक थी दही हांडी। आपने कान्हा की माखन चोरी की कहानियां तो सुनी ही होंगी। भगवान कृष्ण को माखन बहुत प्रिय था। इसके लिए वह अपने दोस्तों के साथ पड़ोस के घरों में चोरी चुपके माखन चुराते और अपने मित्रों को भी खिलाते थे। कृष्ण की इन हरकतों की वजह से गोकुल की महिलाओं ने दही-माखन को ऊंचे स्थान पर लटकाना शुरू कर दिया था, लेकिन तब भी कृष्ण अपने मित्रो के साथ माखन की मटकी तक पहुंच ही जाते थे। बताया जाता है तभी से दही हांडी (Dahi Handi Festival) के उत्सव की शुरुआत हुई।

कैसे मनाते हैं दही हांडी का यह पर्व?

Dahi Handi Festival

दही हांडी (Dahi Handi Festival) का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। दही हांडी के लिए एक मटकी में माखन और दही को भरा जाता है और ऊंचे स्थान पर लटका दिया जाता है। इसके बाद कुछ लोगों का समूह एक पिरामिड बनाते हैं और नारियल की मदद से मटकी को तोड़ते हैं। इस दिन कई जगहों पर दही हांडी की कई प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती हैं और जीतने वाले को इनाम भी दिया जाता है।

दही हांडी में भाग लेने वालों को गोविंदा कहा जाता है। दही हांडी प्रतियोगिता में हांडी को तोड़ने के लिए तीन मौके दिए जाते हैं। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली कई टीमें हांडी को फोड़ने के दौरान असफल भी हो जाती हैं। इसके बाद दूसरी टीम दही हांडी को तोड़ने की कोशिश करती हैं। इस तरह दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है।

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