March 29, 2024

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Health Tips: अगर आपको भी स्ट्रेस बढ़ने पर होता है माइग्रेन, तो इन उपायों से पाएं राहत

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Stress Migraine Treatment

Stress Migraine Treatment: कुछ लोगों को अक्सर माइग्रेन (Migraine) की समस्या रहती है. माइग्रेन में दर्द की कई वजह होती हैं. इन्हीं में से एक वजह है तनाव (Stress). जब हम स्ट्रेस में होते हैं तो सिर में दर्द (Headache) शुरु हो जाता है. ऐसे में कई बार सिर के एक हिस्से या दोनों साइड और कई बार कनपटी या आंख में तेज दर्द (Pain) होता है.

ये दर्द रुक-रुक भी हो सकता है. हालांकि माइग्रेन क्यों होता है ये अभी तक एक सवाल ही है, लेकिन अगर आपने अपने ट्रिगर पॉइंट को पहचान लिया तो आप इससे काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं. अगर आपको स्ट्रेस से होने वाले माइग्रेन परेशान हैं तो आप इन उपायों (Stress Migraine Treatment) से तनाव को कम कर सकते हैं. इससे आप माइग्रेन से भी बच सकते हैं.

भरपूर नींद लें

Stress Migraine Treatment

Stress Migraine Treatment: तनाव को दूर करने के लिए आपको भरपूर नींद लेनी चाहिए. ऐसे में आपको कम से कम 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए. अगर आपका स्लीप पैटर्न गड़बड़ता है तो इससे तनाव बढ़ता है और माइग्रेन की स्थिति पैदा होती है. इसलिए समय पर सोएं और समय पर उठें.

हेल्दी डाइट लें

Stress Migraine Treatment

Stress Migraine Treatment: स्ट्रेस को दूर भगाने के लिए आप अच्छी डाइट लें. समय पर खाना खाएं. खाने में ताजा फल और सब्ज़ियों को शामिल करें. आप डाइट में साबुत अनाज भी शामिल करें.

लाइफ को एक्टिव रखें

Stress Migraine Treatment

Stress Migraine Treatment: तनाव को दूर करने का आसान और बेहतरीन तरीका है व्यायाम. ऐसे में आपको रोजाना करीब आधा घंटे वॉक, व्यायाम या कोई दूसरी फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए. इससे दिमाग में न्यूरोट्रांसमिटर्स द्वारा एंडोरफिन्स पैदा होते हैं, जो कि नेचुरल पेनकिलर के तौर पर काम करते हैं.

योग करें

Stress Migraine Treatment

योग न सिर्फ शरीर को हेल्दी बनाता है, बल्कि आपके दिमाग को भी स्वस्थ रखता है. योग से आप दिमाग को रिलेक्स कर सकते हैं. आपको रोजाना योग, ध्यान और प्राणायाम करना चाहिए, इससे स्ट्रेस और माइग्रेन दोनों में राहत मिलेगी.

अपने माइग्रेन की वजह को पहचानें

Stress Migraine Treatment

आप इस बात पर ध्यान दें कि आपको कब और किन वजहों से माइग्रेन होता है. इसके लिए अपनी एक डायरी बनाएं और उसमें अपने ट्रिगर्स के बारे में लिखें. आपने इस दौरान क्या उपचार किया जिससे आप ठीक हुए हैं ये भी लिखें. इसमें माइग्रेन की तारीख भी लिखें. दर्द से पहले आप क्या कर रहे थे और कब दर्द से राहत मिली, सब नोट करें. ज्यादा दर्द होने पर डॉक्टर की सलाह लें.

 

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