केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल को मिला इस पार्टी का समर्थन, कांग्रेस ने अभी भी नहीं खोले पत्ते
Nccsa Ordinance: ट्रांसफर-नियुक्ति को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार को माकपा का भी साथ मिल चुका है। इसको लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की थी जिसके बाद माकपा ने इस मुद्दे (Nccsa Ordinance) पर आम आदमी पार्टी की सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है।
माकपा देगी समर्थन
#WATCH ये बहुत दर्दनाक हादसा है और उसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है। आरोपी(साहिल) को कठोर से कठोर सजा दिलाने के लिए दिल्ली सरकार कोर्ट में बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेगी। मृतका के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देंगे: शाहबाद हत्याकांड पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/68Hxu57Asj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 30, 2023
आपको बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस समय केंद्र सरकार के इस अध्यादेश (Nccsa Ordinance) के खिलाफ समर्थन पाने के लिए विपक्षी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं इसी बाबत उन्होंने माकपा के महासचिव से मुलाकात की थी जिसके बाद माकपा ने अपना समर्थन केजरीवाल को देने का फैसला लिया।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपनी इस मुलाकात को लेकर एक दिन पहले यानि सोमवार को ट्वीट कर जानकारी दी थी कि मंगलवार को 12 बजे माकपा मुख्यालय में सीताराम येचुरी से मुलाकात कर इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगेंगे।
अभी कांग्रेस का रूख नहीं है साफ
गौरतलब है कि इस अध्यादेश (Nccsa Ordinance) के खिलाफ अभी तक केजरीवाल को तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन मिला है वहीं इस मुद्दे पर अभी कांग्रेस ने अपना रूख साफ नहीं किया है।
क्या है अध्यादेश
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश (Nccsa Ordinance) में कहा गया है कि दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है। ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा। इस अध्यादेश के अनुसार, राजधानी में अब अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) के माध्यम से होगी।
इस अध्यादेश में कहा गया है कि इस एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे, मगर मुख्य सचिव व गृह सचिव इसके सदस्य होंगे। मुख्य सचिव व गृह सचिव की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। अधिकारियों की नियुक्ति के विषय में एनसीसीएसए उपराज्यपाल को अनुमोदन करेगी और अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति में अगर कोई विवाद होता है तो आखिरी फैसला दिल्ली के एलजी का मान्य होगा।
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