May 13, 2024

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कर्नाटक की जीत के बाद खुद के समीकरण में फंसी कांग्रेस, जानिए कैसे मुस्लिम बिगाड़ सकते हैं खेल

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Karnataka Assembly Election: कर्नाटक( CONGRESS) में भाजपा(BJP) को गद्दी से उतार खुद गद्दी पर सवार हुई कांग्रेस अपने ही समीकरण में फंसती नजर आ रही है। जहां एक तरफ चुनाव जीतने के बाद लगातार मुख्यमंत्री पद को लेकर बहस चल रही है वहीं अब दूसरी तरफ मुस्लिम समुदायों(Waqf Board) ने अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस की परेशानियां बढ़ा दी। वक्फ बोर्ड ने अपनी मांग उठाते हुए कहा है कि कर्नाटक में उप मुख्यमंत्री किसी मुस्लिम समुदाय के नेता को बनाओ। इसके अलावा 5 मुस्लिम विधायकों को गृह राजस्व, स्वास्थ्य और अन्य खास विभागों की जिम्मेदारी सौंप दो।

वक्फ बोर्ड ने कहा कांग्रेस को हमे कहना चाहिए धन्यवाद

वक्फ बोर्ड(Waqf Board) के एक प्रवक्ता सादी ने कहा कि हमने पहले ही ये मांग उठाई थी कि किसी मुस्लिम को प्रदेश का उपमुख्यमंत्री होना चाहिए और मुस्लिमों को 30 सीटें दी जानी चाहिए। हालाँकि, उन्हें 15 सीटें मिलीं, जिनमें से 9 मुस्लिम उम्मीदवार जीते। उन्होंने दावा किया है कि कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में  करीब 72 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस केवल मुसलमानों की वजह से जीती। सादी बोले कि एक समुदाय के तौर पर मुस्लिमों ने कांग्रेस को बहुत कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि कांग्रेस उन्हें बदले में कुछ दे। और साथ ही कांग्रेस हमें शुक्रिया अदा भी करें। वक्फ बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि कांग्रेस  9 मुस्लिम विधायकों में से किसे ये पद दिए जाएँ ये कॉन्ग्रेस निर्णय लेगी कि किसने अच्छा किया। कई मुस्लिम प्रत्याशियों ने अपनी विधानसभा छोड़ अन्य क्षेत्रों का भी दौरा किया और हिंदू-मुस्लिम एकता पर बल दिया। यही वजह है कि कॉन्ग्रेस जीत सकी। उनकी जिम्मेदारी है कि मुस्लिम समुदाय का एक डिप्टी सीएम होना चाहिए।

15 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 9 ने दर्ज की थी जीत

गौरतलब है कि इस बार कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा में कुल 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा था जिसमें से कुल 9 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। इनके नाम बीदर से रहीम खान जीते, मंगलुरु से खादर फरीद, मैसूर से तनवीर सैत, बेलगावी से आसिफ सैत, शिवाजीनगर से रिजवान अरशद, चामराजपेट से जमीन अहमद खान, रामनगर से एच ए इकबाल हुसैन, शांति नगर से एन ए हैरीस, गुलबर्गा से कनीज फातिमा है।

सीएम के नाम का नहीं हुआ चुनाव

 कर्नाटक विधानसभा चुनावों के नतीजे 13 मई को ही आ गए थे। लेकिन कॉन्ग्रेस अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। इस पद के लिए डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच प्रतिस्पर्धा मानी जा रही है। विधायक दल का नेता चुनने के लिए 14 कई को हुई बैठक में दोनों पक्षों की नारेबाजी का बाद यह जिम्मेदारी आलाकमान को दे दी गई है।

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