देश में अपने आप को सबसे कट्टर ईमानदार बताने वाली पार्टी ने भी आजमाई अपनी किस्मत, जानिए क्या रहा उनका हाल
Karnataka Assembly Election: दक्षिण का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले कर्नाटक(Karnataka Assembly Election 2023) में कांग्रेस(Congress) ने भाजपा(BJP) को सत्ता से बेदखल कर खुद को राज गद्दी पर काबिज कर लिया है। ये हाल ही के दिनों में दूसरा राज्य है जहां कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर उस पर खुद की सत्ता काबिज की हो इससे पहले कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में भाजपा को सत्ता से बाहर कर राज्य की बागडोर संभाली थी।
इन पार्टियों ने भी आजमाई किस्मत
इस बीच कांग्रेस, भाजपा और जेडीएस के अलावा कुछ और पार्टियों ने कर्नाटक में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन उन पार्टियों को किसी ने इतना भाव नहीं दिया। इसमें दिल्ली और पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के अलावा वामपंथी दल भी अपनी जमीन तलाश रहे थे। निर्वाचन आयोग के आँकड़ों के अनुसार, कर्नाटक विधानसभा(Karnataka Assembly Election) में कॉन्ग्रेस के बाद भाजपा दूसरे नंबर की पार्टी बनी है। वहीं, जनता दल सेक्युलर (JDS) तीसरे नंबर पर है। 2 सीट जीतकर चौथे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार हैं। वहीं, 1-1 सीट के साथ कल्याण राज्य प्रगति पक्ष और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष पाँचवें नंबर पर हैं।
अधिकांश प्रत्याशी नहीं बचा पाए अपनी जमानत
हाल ही में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने वाली AAP भी दक्षिण के इस चक्रव्यूह को भेदने में नाकाम रही और(Karnataka Assembly Election) में अधिकांश प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे हैं। चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी को अब तक 0.58% वोट शेयर मिला है। अगर वोटों के लिहाज से बात करें तो उसे अब तक लगभग 45500 वोट मिले हैं। राज्य की कुल 224 सीटों में से 209 सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवारों उतारे थे। इनमें से 15 सीटों पर पार्टी ने मुकाबले में होने की उम्मीद जताई थी। हालांकि अगर साल 2018 की बात करें तो AAP ने कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कुल 28 प्रत्याशियों को उतारा था। उस दौरान पार्टी को सिर्फ 0.06% वोट शेयर मिला था। हालाँकि, इस बार AAP के वोट शेयर में 0.52 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
वामपंथियों का हुआ हाल बुरा
वामपंथी दलों की तो और भी बुरी हालत है। विभिन्न वामपंथी दलों ने भी इस चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारे पर इन दलों के एक भी प्रत्याशी इस चुनाव में कमाल नहीं दिखा पाए। कर्नाटक चुनाव में उतरे तीनों प्रमुख वामपंथी दल- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (CPI-ML) के अधिकांश उम्मीदवार भी अपनी जमानत नहीं बचा पाए हैं। वामपंथी दलों का कुल वोट शेयर 0.08 प्रतिशत है। जहाँ CPI को 0.02 प्रतिशत और CPI-M को 0.08 प्रतिशत वोट शेयर मिला है।