May 15, 2024

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‘हिंदी vs अंग्रेजी’ की बहस, ओम बिरला और हरदीप सिंह पुरी में हुई तीखी टकरार

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Loksabha

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Hindi vs English: लोकसभा में एक सवाल पूछने पर बवाल मच गया। सांसद एक-दूसरे पर भड़क गए और ओम बिरला को भी गुस्सा आ गया। लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते समय भाषा के इस्तेमाल को लेकर अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बीच बहसबाजी देखने को मिली। सवाल दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने पूछा था, सवाल आयुष्मान भारत कार्ड के अभाव में दिल्ली और पश्चिम बंगाल में प्रवासी मजदूरों को होने वाली कठिनाइयों के बारे में था।

अंग्रेजी में दिया जवाब पड़ी डांट

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मनोज तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अंग्रेजी में जवाब देना शुरू किया, उस पर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि “यदि संभव हो तो हिंदी में बोलने का अनुरोध करें।” ओम बिरला के अनुरोध का उत्तर देते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “अध्यक्ष महोदय, मैं हिन्दी में उत्तर दूंगा। यदि आप चाहें तो मैं पंजाबी में उत्तर दे सकता हूं, मनोज जी पंजाबी समझते हैं। लेकिन चेयर से जिस तरह निर्देश आ रहे हैं, वह दूसरों के लिए भी होना चाहिए।” इसके बाद पुरी ने पंजाबी में बोलने शुरु कर दिया।

‘मैं भोजपुरी टच देते हुए हिंदी में जवाब देता हूं’

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हरदीप सिंह पुरी के पंजाबी बोलने पर उन्हें फिर टोका। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि आपको कई भाषाएं आती हैं। आप अंग्रेजी में भी जवाब दे सकते हैं। परन्तु यहां हिंदी और अंग्रेजी के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में बोलने के लिए आपको पहले मुझे लिखित में देना होगा।” केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, ‘मैं भोजपुरी टच देते हुए हिंदी में जवाब देता हूं।” इसके बाद उन्होंने सवाल का हिंदी में जवाब दिया। “नसीहतों का दौर सिर्फ यहीं नहीं रुका।”

केंद्रीय मंत्री राजनीतिक दल को निर्देश नहीं दे सकता

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लोकसभा अध्यक्ष से कहा कि “उन्हें इस मामले में दोनों राज्य सरकारों के साथ आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस को भी निर्देश देना चाहिए कि वह केंद्र की योजनाओं को ठीक तरीके से लागू करें। जवाब में स्पीकर ओम बिरला ने कहा, “केंद्रीय मंत्री को पता होना चाहिए कि चेयर यहां से राज्य सरकार या फिर किसी राजनीतिक दल को इस तरह का निर्देश नहीं दे सकता। वह सिर्फ केंद्र सरकार को ही निर्देशित कर सकता है।”

 

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