May 10, 2024

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हाईकोर्ट ने बिना आरक्षण के चुनाव कराने का दिया निर्देश, सरकार ने कहा- बिना आरक्षण के नहीं होगा चुनाव, जरूरत पड़ी तो…

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yogi adityanath on UP Nagar Nikay Chunav

UP Nagar Nikay Chunav 2022 : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आज 27 दिसंबर मंगलवार को यूपी नगर निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है. ओबीसी आरक्षण को लेकर कोर्ट ने सरकार को बड़ा झटका दिया है.

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि- बिना ट्रिपल टेस्ट के ओबीसी आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के ही सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने का निर्देश दिया है. कोर्ट के फैसले पर सीएमओ ने भी प्रतिक्रिया दी है.

आरक्षण के बाद होगा चुनाव- योगी आदित्यनाथ

हाईकोर्ट का फैसले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि- प्रदेश सरकार नगर निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) में सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में एक आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी. इसके उपरान्त ही नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन को सम्पन्न कराया जाएगा.

सरकार का कहना है कि- यदि आवश्यक हुआ तो माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के क्रम में सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करके प्रदेश सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय में अपील भी करेगी.

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि यूपी में जल्द ही नगर निकाय का चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) होना है. जिसको लेकर सरकार ने कुछ दिनों पहले ही आरक्षण सूची भी जारी की थी. जिसे लेकर हाईकोर्ट में सरकार के उपर नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के नियमों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया गया था. जिसके बाद कोर्ट ने चुनाव से जुड़ी कोई भी अधीसूचना जारी करने पर रोक लगा दी थी.

वहीं, मामले में लगभग 20 दिनों तक चली सुनवाई के बाद अब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए गेंद सरकार के पाले में डाल दी हैं. कोर्ट ने कहा है कि- यह सरकार के उपर है कि वह ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट कराए या फिर बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिना ही चुनाव कराएं.

आरक्षण ट्रिपल टेस्ट कराने में लगेगा समय

UP Nagar Nikay Chunav

गौरतलब है कि यूपी नगर निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) में ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही सुनवाई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गत 24 दिसंबर को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसलिए आज कोर्ट में इसे लेकर किसी भी प्रकार की कोई बहस नहीं हुई. आज जज ने सिर्फ फैसला सुनाया.

याचिकाकर्ता संदीप पांडेय के अनुसार यदि सरकार ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट कराती है तो इस प्रक्रिया में काफी समय लग सकता है. वहीं, अगर सरकार ओबीसी के लिए ट्रिपल टेस्ट नहीं कराती है तो ओबीसी को सामान्य की तरह ही मानकर सिर्फ एससी-एसटी आरक्षण के साथ वो आगे बढ़ेंगे. ओबीसी की शैक्षणिक, सामाजिक आर्थिक स्थिति के अलावा उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व को देखा जाएगा.

बता दें कि उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) में इस बार कुल 762 सीटों पर मतदान होना है. जिसमें 17 नगर निगम शामिल हैं. वहीं, 200 नगरपालिका और बाकी नगर पंचायतों में चुनाव होना है.

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