इधर बीजेपी उधर कांग्रेस ने राजस्थान चुनाव से पहले उतारा साधु संतों को मैदान में
क्या राजनीती धर्म के इर्द – गिर्द घूमने लगी है। राजनीतक पार्टियों में सिर्फ साधु संत को शामिल कर पार्टियां क्या दिखाना चाहती हैं। वह हिंदुत्व के साथ हैं या धर्म के नाम पर लोगों का वोट हतियाना चाहती हैं।
राजनीति में साधु-संतों का आना और चुनाव लड़ना देखने को मिलता रहा है। इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने चार संतों को और कांग्रेस ने 1 संत को प्रत्याशी घोषित किया है। एक संत की पुत्रवधू को कांग्रेस टिकट दे चुकी है, जबकि दो और संत भजन गायक प्रकाश माली और साध्वी अनादी सरस्वती को भी कांग्रेस प्रत्याशी घोषित कर सकती है।
बाल मुकुंद आचार्य, बाबा बालकनाथ,प्रतापपुरी महाराज,ओटाराम देवासी इन्हें बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित किया
बाल मुकुंद आचार्य जयपुर की हवामहल सीट से बीजेपी ने बाल मुकुंद आचार्य को प्रत्याशी घोषित किया है। वे जयपुर की हाथोज धाम के महंत हैं। पिछले कुछ सालों से हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ कई आंदोलन किए। बीजेपी ने धार्मिक कार्ड खेलते हुए बाल मुकुंद आचार्य को पहली बार चुनाव मैदान में उतारा है।
बाबा बालकनाथ: भाजपा ने अलवर की तिजारा विधानसभा सीट से बाबा बालकनाथ को प्रत्याशी घोषित किया है। बाबा बालकनाथ नाथ संप्रदाय के महंत हैं। हरियाणा के रोहतक में स्थित मस्तनाथ मठ के मुख्य महंत हैं। पिछले लोकसभा चुनाव बालक नाथ अलवर से सांसद चुने गए। अब उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा गया है।
प्रतापपुरी महाराज: भाजपा ने जेसलमेर की पोकरण विधानसभा सीट से प्रताप पुरी जी महाराज को प्रत्याशी घोषित किया है। बीजेपी ने उन्हें पिछले चुनावों में भी चुनाव लड़ने का अवसर दिया, लेकिन वे कांग्रेस के सालेह मोहम्मद के सामने महज 872 मतों से चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया है।
ओटाराम देवासी: सिरोही विधानसभा सीट से बीजेपी ने ओटाराम देवासी को प्रत्याशी घोषित किया है। वे 2013 से 2018 तक बीजेपी के विधायक और राजे के कार्यकाल में मंत्री भी रह चुके हैं। देवासी पहले पुलिस में सिपाही थे। बाद में उन्होंने आध्यात्म की राह चुनी और मां चामुंडा के भक्त बन गए। वे मुंडारा माता मंदिर के महंत हैं।
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सालेह मोहम्मद: कांग्रेस ने पोकरण सीट से सालेह मोहम्मद को फिर से प्रत्याशी घोषित किया है। सालेह मोहम्मद मुस्लिम समाज के धर्मगुरु गाजी फकीर के पुत्र हैं। गाजी फकीर के निधन के बाद सालेह मोहम्मद को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया है।
कांग्रेस ने डॉ. अर्चना शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है
डॉ. अर्चना शर्मा: जयपुर की मालवीय नगर सीट से कांग्रेस ने डॉ. अर्चना शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया है। डॉ. अर्चना शर्मा श्रीराम जन्मभूमी आंदोलन में अग्रणी रहे संत धर्मेंद्र आचार्य की पुत्रवधु हैं। जयपुर के विराटनगर में उनका मठ है। आचार्य धर्मेंद्र के निधन के बाद उनके पुत्र सोमेन्द्र शर्मा उत्तराधिकारी बने हैं। सोमेन्द्र शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अर्चना शर्मा के पति हैं। डॉ. शर्मा दो बार चुनाव हार चुकी है। कांग्रेस ने उन्हें फिर से मौका दिया है।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने संतो को टिकट दे दिया है। किसको मिलेगा धर्म का वोट यह चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पता लग पाएगा क्या कांग्रेस डॉ. अर्चना शर्मा के साथ मिलकर खुद को हिंदुत्व का पुजारी बता बीजेपी को हराते हुए धर्म पर खेल जाएगी ? वैसे धर्म का वोट जाता बीजेपी को दिखाई दे रहा है बीजेपी का राम मंदिर को लेकर आवाज उठाना लगातार धर्म पर बोलना चर्चा करना मोदी जी हमेशा केदारनाथ, बद्रीनाथ दर्शन करने जाते रहते हैं ,जंहा मौका मिलता है पूजा पाठ में शामिल हो जाते हैं। बीजेपी में बहुत से नेता है जिनकी आए दिन पूजा -पाठ को लेकर तस्वीरें सामने आती रहती हैं ऐसे में बीजेपी की तरफ धर्म पर वोट मिलने की उम्मीदे ज्यादा हैं
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