पुलिस के हत्थे चढ़ें 2 शातिर, इंटरनेशनल कॉल को लोकल में बदलकर करते थे फर्जीवाड़ा, सरकार को हो रहा था भारी नुकसान
Fake Call Center Exposed: नोएडा पुलिस ने कल 6 जनवरी को सेक्टर-1 से फर्जी काल सेंटर (Fake Call Center) दो साइबर क्राइम के आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी सेक्टर -1 में बीपीओ कंवरजेंस प्राइवेट लिमिटेड (BPO Convergence Pvt-Ltd) नाम से एक फर्जी कॉल सेंटर (Fake Call Center) चलाकर इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में बदलकर भारत सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचा रहे थे. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ करने में जुटी हुई है.
इंटरनेशनल कॉल को लोकल में बदलकर फर्जीवाड़ा
मामले की जानकारी देते हुए थाना फेज-1 प्रभारी ने बताया कि- पुलिस को सूचना मिल रही थी कि सेक्टर-1 में एक फर्जी कॉल सेंटर (Fake Call Center) का संचालन हो रहा है. जहां इंटरनेट से प्राप्त इंटरनेशनल कॉल को निजी सर्वर के जरिए फोन कॉल में बदलकर फर्जी वाड़ा किया जा रहा है. जिसे संज्ञान में लेते हुए पुलिस की एक टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई की और वहां फर्जी तरह से संचालित हो रहे कॉल सेंटर से साइबर क्राइम में लिप्त दो आरोपियों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ज्ञान सिंह के रूप में हुई है. जो, उन्नाव का रहने वाला है. बीपीओ कंवरजेंस प्राइवेट लिमिटेड में वह आईटी हेड था. वहीं, दूसरे आरोपी की पहचान कौशिक दास (कोलकाता) बीपीओ कंवरजेंस प्राइवेट लिमिटेड (Fake Call Center) में डीजीएम ऑपरेशन के रूप में हुई है. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता अधिनियम के तहत 420/120बी और 20/21/25 मुकदमा दर्ज किया गया है.
हर महीने 30 लाख तक की कर रहे थे हेरा-फेरी
पुलिस ने आगे बताया कि- जब कॉल सेंटर की जांच और सर्वर को चेक किया गया तो पता चला कि, ये लोग फर्जी कॉल सेंटर (Fake Call Center) में एक निजी सर्वर के जरिए इंटरनेट से प्राप्त इंटरनेशनल कॉल को लैंड कराकर भारत में कॉलिंग करा रहे थे. जिससे, भारत सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा था. जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार किया गया.
पुलिस को इस फर्जी कॉल सेंटर से 1 सर्वर डेल कंपनी, 01 फायरवाल कंपनी फार्टीनेट, 01 टाटा मूक्स (जिसमें 01 ईल कनेक्शन व 03 पीआरआई कनेक्शन), 01 क्राउन, 01 पीआरआई केबिल, 02 लेन केबिल और 02 पॉवर केबिल बरामद हुआ है.
बता दें कि इन शातिर आरोपियों ने दूरसंचार विभाग और भारत सरकार से अलग ही लाइन बना रखी थी. जिसके जरिए ये खाड़ी देशों समेत अमेरिका और यूरोप से आने वाली काल को लोकल कॉल में बदलकर भारत के लोगों से बात करा रहे थे. इसके (Fake Call Center) जरिए वह हर महीने करीब से करीब 25 से 30 लाख रुपये की कमाई कर रहे थे.