बृजभूषण शरण सिंह ने शायराना अंदाज में किया पहलवानों पर प्रहार, मीडिया पर भी साधा निशाना
Wrestlers Protest : बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) और पहलवानों के बीच जंग जारी है, पहलवानों ने बृजभूषण पर कार्यवाही करने के लिए 15 जून तक का समय दिया है। मगर रविवार को बृजभूषण ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। वैसे तो कार्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा किए गए कामों पर प्रकाश डालने का था मगर बृजभूषण ने यहां जमकर शेरो शायरी की, इतना ही नहीं उन्होंने शायरियो के जरिए खुद को बेगुनाह और पहलवानों की मांगों को बेबुनियाद भी बताया।
यौन उत्पीडन के आरोपी को झेल रहे BJP के सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) ये बताने की कोशिश कर रहे थे कि उनका दबदबा पहले की तरह ही अपने चरम पर है। मोदी सरकार के 9 सालो की उपलब्धियों और योगदानों को गिनाने के लिए गौंडा में कार्यक्रम आयोजित किया था, वही बृजभूषण मंच पर आए और मंच पर आते ही उन्होंने शेरो शायरी से शुरुआत की।
बृजभूषण का अलग अंदाज
बृजभूषण (Brij Bhushan Singh) का ये अंदाज बताता है की वो ये दिखाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं की पहलवानों द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे है। रविवार को हुई रैली में हजारों लोगों का ताता लगा था, और इसी भीड़ को उन्होंने अपनी ताकत बताया। उन्होंने कहा, मेरा हर कार्यक्रम ऐसे ही होता है, 8 जनवरी को मेरा जन्मदिन था, जिसमे डेढ़ लाख लोग आए थे। आप लोगो से पूछ लो, इसके लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किया गया था।
इस पूरे कार्यक्रम में बृजभूषण सिंह पहलवानों का नाम नही ले रहे थे, वो बस शायरियों के जरिए ही बता रहे थे की उनके खिलाफ क्या क्या चल रहा है और वो बेगुनाह है। मगर जब बृजभूषण से पूछा गया की उनका पहलवानों के लिए क्या कहना है तो उन्होंने कहा ये कोर्ट के निर्णय के ऊपर है, इस पर कोई सवाल नही, बस इतना कहकर बृजभूषण ने पल्ला झाड़ दिया।
अब बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) भले ही केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनवाने के लिए कार्यक्रम में आए थे लेकिन इसके साथ साथ उन्होंने अपने बेगुनाह होने की बाते भी शायरियों के जरिए कर डाली। यहां तक की उन्होंने तंज भी कसा कि मीडिया वाले मुझे बड़ी तिरछी नजर से देख रहे हैं, बस फिर उन्होंने जय सिया राम का नाम लिया और अंत किया।
मीडिया वाले मुझे बड़ी तिरछी नजर से देख रहे हैं- बृजभूषण
आपको बता दें कि महिला पहलवान विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) रविवार को पटियाला बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर आमरण अनशन पर बैठे किसानों को समर्थन देने पहुंचीं। यहां उन्होंने कहा कि लोगों को देश में बात-बात के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है, ये देश के लिए अच्छा नहीं है। लोग बहुत भुगत रहे हैं, वो अपने परिवारों को छोड़कर बैठे हैं।
लोगों को इतना दुखी नहीं किया जाना चाहिए। आज मैं यहां इन लोगों को लिए आई हूं, हमारी लड़ाई जो चल रही है, वो चलती रहेगी। वहीं, जब उनसे मेडल को लेकर सवाल पूछे गए तो उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा हमें फिलहाल सिर्फ किसानों पर फोकस करना चाहिए। शासन में बैठने वाले ताकतवर हो गए हैं, सत्ता में आने के बाद ये लोगों की भावनाओं को भूल जाते हैं। हमारे देश में लोगों की कदर नहीं की जा रही है, मैं भी दो साल से देख रही हूं, देश में आम आदमी की कदर नहीं रह गई है।