Maharashtra: अजित पवार ने खुद को बताया एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, बैठक में की मोदी की जमकर तारीफ़
Maharashtra: एनसीपी (NCP) से बगावत कर शिंदे सरकार (Shinde Government) में शामिल हुए अजित पवार (Ajit Pawar) ने खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of NCP) बताया है. उन्होंने आज विधायकों के साथ बैठक में यह दावा किया कि 30 जून को कार्यकारिणी की बैठक हुई थी. एनसीपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से शरद पवार (Sharad Pawar) को हटाने के संबंध में प्रस्ताव पारित हुआ और उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया था.
इसके अलावा अजित पवार (Ajit Pawar) ने जमकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की तारीफों के पुल बांधते हुए कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक मोदी का प्रभाव है. ऐसे में हम उनका साथ क्यों न दें. लोकसभा चुनाव 2024 में भी मोदी साहब (PM Modi) ही जीतकर आएंगे. उनके अलावा देश में कोई और विकल्प ही नहीं है.
अजित पवार और शरद पवार की ओर से विधायकों की बैठक
आज बुधवार को अजित पवार (Ajit Pawar) और शरद पवार (Sharad Pawar) की ओर से विधायकों को बैठक में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया गया. जिसमें राकांपा (NCP) का संख्याबल अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ दिखा, पार्टी के 53 में से 35 विधायक उनके साथ बैठक के लिए पहुंचे हैं.
ऐसे में शरद पवार के लिए आने वाले समय में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अस्तित्व को अपने नेतृत्व में रखने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगता दिख रहा है. इसके साथ ही इधर अजीत पवार ने खुद को पार्टी का राष्ट्रिय अध्यक्ष होने का दावा किया है. इसतरह, अजित पवार का यह बगावत शरद पवार के लिए अच्छा संकेत नहीं दे रहा है.
ऐसे देश नहीं चलेगा: अजित पवार
अजित पवार ने पटना में विपक्षी दलों (Opposition Parties) की बैठक पर भी तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली और पंजाब जिनके पास है, वो दोनों मुख्यमंत्री पटना बैठक में शामिल थे. वहां कुछ न कुछ बात बिगड़ी और वो तुरंत वहां से निकल गए. स्टालिन खाने के लिए भी नहीं रुके. ये तीनों मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस तक के लिए नहीं रुके, ऐसे देश कैसे चलेगा. अतीत में भी कई प्रधानमंत्री आए लेकिन मोदी (PM Modi) जैसा कोई नहीं. वो 2024 में भी जीतकर अवश्य आएंगे.
भाजपा के साथ जाने में क्या है बुराई?
अजित पवार ने आगे कहा कि जब देश में मोदी के अलावा कोई और विकल्प नहीं है तो उन्हें समर्थन देने में क्या बुराई है. इसके अलावा शरद पवार (Sharad Pawar) के बेहद करीबी माने जाने वाले और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से बगावत कर अजित गुट में शामिल होने वाले प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने बैठक के दौरान कहा कि जब हम शिवसेना की विचारधारा को स्वीकार कर सकते हैं तो फिर भाजपा के साथ जाने में क्या आपत्ति है? हम एक स्वतंत्र इकाई के रूप में इस गठबंधन में शामिल हुए हैं. हमने यह फैसला देश और अपनी पार्टी के लिए लिया है, व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं.
पटना बैठक को देखकर हंसने का मन हुआ
प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला भाजपा के साथ चले गए और अब वे संयुक्त विपक्ष का हिस्सा हैं. मैं शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक में गया था और वहां का दृश्य देखकर मुझे हंसने का मन हुआ.
वहां 17 विपक्षी दल थे, जिनमें से सात में लोकसभा का केवल एक सांसद है और एक पार्टी ऐसी है जिसके एक भी सांसद नहीं हैं और उनका दावा है कि वे बदलाव लाएंगे. हमने एनडीए में शामिल होने का फैसला देश और अपनी पार्टी के हित में लिया है, व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं. प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) की देश-विदेश में लोकप्रियता है, जबकि विपक्ष के भीतर सही तालमेल तक नहीं है.
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