विपक्ष की हार के बाद पीएम मोदी ने साधा निशाना, बोले- “नकारात्मकता न फैलाएं”
PM Modi before Parliament Winter Session: हाल ही में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए जिनमें से चार राज्यों में चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है तो वहीं एक राज्य में कांग्रेस ने जीत हासिल की। कहा जा रहा है कि इस बार के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के जीतने की सबसे बड़ी वजह स्विंग वोटर और राज्यों में छोटी-छोटी पार्टियों का चुनाव लड़ना रहा है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश में एक बार फिर सत्ता में वापसी की है। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से सत्ता छीन ली है। हालांकि तेलंगाना में कांग्रेस ने जीत हासिल की है। आज यानी सोमवार से शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है। ऐसे में पीएम मोदी ने मीडिया से बात की। उन्होंने इस सत्र में सभी पार्टियों से सकारात्मकता की उम्मीद जतायी।
पीएम मोदी ने विपक्ष पर कसा तंज
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सोमवार को शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने मीडिया से बातचीत की। 3 राज्यों में विपक्ष की हुई हार पर पीएम मोदी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि जो लोग हारे हुए हैं वे संसद में अपनी हार का ग़ुस्सा न निकालें। उन्होंने विपक्ष को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों बराबर महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने राजनैतिक विश्लेषकों से इस चुनाव परिणाम को सकारात्मक तौर पर देश के सामने पेश करने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि “मेरी सभी सांसदों से अपील है कि सकारात्मक विचार लेकर संसद में आइए। बाहर की पराजय का गुस्सा संसद में लेकर मत आइएगा। लोकतंत्र के मंदिर को मंच मत बनाइए. देश को सकारात्मकता का संदेश दें।”
देश ने नकारात्मकता को नकारा
पीएम मोदी ने 3 राज्यों में बीजेपी की जीत के बाद विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “देश ने नकारात्मकता को नकार दिया है। लोगों की आकांक्षाओं को मजबूत करने के लिए लोकतंत्र का मंदिर महत्वपूर्ण मंच है। मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें।”
उत्साहवर्धन करने वाले हैं परिणाम
पीएम मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि “मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें. विधानसभा चुनावों के नतीजे लोगों के कल्याण, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध लोगों का उत्साहवर्द्धन करने वाले हैं. जो लोग महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों की चार ‘जातियों’ के सशक्तीकरण के सिद्धांत पर चलते हैं उन्हें जबरदस्त समर्थन मिलता है. जब जनकल्याण के लिए प्रतिबद्धता हो तो सत्ता विरोधी शब्द अप्रासंगिक हो जाता है.”