April 27, 2024

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केंद्र सरकार के बाद राज्य सरकार ने बंद किया मदरसा शिक्षकों का मानदेय, जानें क्या है पूरा मामला?

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Yogi

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U.P News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अखिलेश सरकार में बढ़ाया गया मदरसा शिक्षकों का मानदेय बंद कर दिया है। पहले केंद्र सरकार ने मदरसा शिक्षकों का मानदेय बंद किया था और अब योगी सरकार ने भी बंद कर दिया है। अब मदरसा शिक्षकों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कोई मानदेय नहीं दिया मिलेगा। साल 2016 में अखिलेश सरकार द्वारा बढ़ाए गए मदरसा शिक्षकों को हर महीने 8000 रुपये (स्नातक मदरसा टीचर) और 15000 रुपये (परास्नातक शिक्षक) मानदेय दिया जा रहा था। इस फैसले से करीब 25000 मदरसा शिक्षकों का मानदेय समाप्त हो गया है।

1993-94 से चल रही मदरसा आधुनिकरण योजना

खबरों के मुताबिक 1993-94 से चल रही मदरसा आधुनिकरण योजना जोकि केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत मदरसे में हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान को पढ़ने के लिए शिक्षक रखे गए थे। साल 2008 में इसे स्कीम फॉर प्रोविजनिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा के नाम पर चलाए जाने लगा। इस स्कीम के तहत 25000 शिक्षक रखे गए थे जिसमें ग्रेजुएट शिक्षकों को 6000 और मास्टर्स कर चुके शिक्षकों को 12000 प्रति माह मानदेय दिया जाता था।

अखिलेश सरकार में हुई थी बढ़ात  

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साल 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार ने इस योजना में 2000 और 3000 प्रतिमाह मानदेय अपनी ओर से देने का निर्णय किया था। इसके बाद से स्नातक मदरसा टीचरों को 8000 और परास्नातक शिक्षकों को 15000 मानदेय दिया जाने लगा।

इस कारण से बंद हुए मदारसे

केंद्र सरकार में इस योजना को 2021-22 तक ही स्वीकृति मिली थी जिसके तहत केंद्र सरकार के द्वारा पहले से ही मानदेय नहीं मिल रहा था। इसके बावजूद बजट में अतिरिक्त मानदेय जो दिया जाता था उसकी व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। अब इस मानदेय में कोई भी वित्तीय स्वीकृति जारी नहीं की गई है। इसी वजह से सभी जिलों को आदेश भेजते हुए मानदेय देने पर रोक लगा दी गई है।

वहीं अल्पसंख्यक कल्याण के जॉइंट सेक्रेटरी हरि बक्श सिंह बताया कि ‘मानदेय की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है, जो अतिरिक्त दिया जा रहा था और कोई भी इस मानदेय में बजट या वित्तीय स्वीकृति नहीं दी जा रही है और इसका आदेश सभी जिलों को भिजवा दिया गया है।’ 

 

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