कर रहे हैं लक्षद्वीप घूमने की तैयारी तो इस आईलैंड को न करें मिस, खूबसूरती मोह लेगी मन!
Lakshadweep: मालदीव को प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी करना महंगा साबित हुआ है। पीएम ने जब से लोगों से लक्षद्वीप को लेकर भारतीय गंतव्य घूमने जाने की बात कही है। तब से लोग मालदीव का बायकॉट कर भारत के खूबसूरत डेस्टिनेशन लक्षद्वीप जाने की बात कर रहे हैं। यही नहीं इंटरनेट पर भी लक्षद्वीप बड़े पैमाने पर सर्च किया जा रहा है। लोग लक्षद्वीप को लेकर जानकारियां खोज रहे हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि लक्षद्वीप अपने आप में कैसे खूबसूरत है।
रिंग जैसे आकार का है बिट्रा आइलैंड
लक्षद्वीप का छोटा आइलैंड है बिट्रा जो कि अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर है। बिट्रा एक रिंग जैसे आकार का आइलैंड है और इस आइलैंड की कुल आबादी महज 271 है। इस छोटे से द्वीप पर इतने कम लोग ही निवास करते हैं। इसका भूमि क्षेत्र सिर्फ 0.105 वर्ग किलोमीटर है। इसकी लंबाई 0.57 किमी और चौड़ाई 0.28 किमी है। बिट्रा अमीनदिवि आइलैंड और तहसील का एक हिस्सा है। यह छोटा सा आइलैंड कोच्चि से 483 किलोमीटर की दूर पर है।
यहां हरे रंग का कछुओं पाया जाता है
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बिट्रा आइलैंड अपने वातावरण के साथ-साथ हरे रंग के कछुओं के लिए बहुत मशहूर है। माना जाता है कि 1835 तक बिट्रा आइलैंड समुद्री पक्षियों के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड था। जो कि कलान और चैटरल लोगों की एक पसंदीदा शिकार थी। इसे मलिक मुल्ला का एक छोटा तीर्थ भी कहा जाता है, जोकि एक पुराने अरब संत हैं। मलिक मुल्ला नाम के अरब संत को द्वीप पर दफनाया गया था। इसके बाद से यह तीर्थस्थल भी बन गया।
जलवायु केरल के समान है
बिट्र्रा की जलवायु केरल के जलवायु के समान है। मार्च से मई तक यहां का तापमान 25oC से 35oC होता है यानि यहां भीषण गर्मी पड़ती है। मॉनसून शुरुआत 15 मई होती है और सितंबर आते-आते लगभग 15 सितंबर तक मॉनसून खत्म हो जाता है। मॉनसून के दौरान, समुद्र के कारण नावों के बाहर नौकाओं को अनुमति नहीं दी जाती है। वर्ष के समय यहां का तापमान 70-76 प्रतिशत तक होता है।
हेलीपैड की सुविधा भी है
यहां पर ट्रांसर्पोटेशन के लिए मुख्य द्वीप के दक्षिणी तट पर एक छोटा सा घाट और पश्चिम बिंदु पर एक हेलीपैड बनाया गया है। लेकिन यहां की पूरी आबादी खेती और मछली पालन पर निर्भर करती है। कहा जाता है कि लक्षद्वीप पर पहले हिन्दू राजा चिरक्कल की सत्ता थी। हालांकि, सातवीं शताब्दी में द्वीप के निकट एक मुस्लिम संत उबैदुल्लाह आए।
जिन्होंने द्वीपवासियों को इस्लाम कबूल करवाया। फिर जाके सोलहवीं सदी में कन्नूर के अली राजा ने इन द्वीपों पर सत्ता हासिल की। अठाहरवीं सदी में इस पर टीपू सुल्तान का राज हुआ, फिर ब्रिटिश सेना ने इस पर कब्जा कर लिया। लेकिन भारत के आजाद होने के बाद 1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था।
एक महिला ने बसाया था पहला घर
बिट्रा में सबसे पहले स्थायी निवास चेतलाट द्वीप की एक महिला ने बसाया था। जिसने अपने बेटे के साथ 1945 के आसपास अपना स्थायी घर बनाया था। इसके बाद से यहां लोग निवास करने लगे फिर भी यहां लोगो की संख्या बहुत कम है। अगर लक्षद्वीप का टूरिज्म बढ़ता है तब यहां रहने वालों की संख्या में हिजाफा देखा जा सकता है।
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