AAP को लगा बड़ा झटका, पार्टी छोड़ मंत्री ने केजरीवाल पर लगाए कई गंभीर आरोप
AAM AADMI PARTY: दिल्ली की आम आदमी पार्टी में केजरीवाल के जेल जाने से आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की दिक्कते बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। ऐसे में SC/ST वेलफेयर मिनिस्टर रहे राजकुमार आनंद ने आज यानी बुधवार 10 अप्रैल को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। साथ ही राजकुमार आनंद ने अपनी ही पार्टी पर भ्रष्टाचार को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं।
मोदी सरकार ने बनाया दबाव
इस्तीफा देने के ठीक दो घंटे पहले तक राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी का सपोर्ट करते हुए दिखाई दे रहे थे, मोदी सरकार पर निशाना साध रहे थे। आनंद ने आप नेता संजय सिंह का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि, ‘’कितनी हास्यास्पद बात है कि एक चुने हुए मुख्यमंत्री (@BhagwantMann) और एक सांसद को मुलाकात के लिए टोकन नंबर दिया जाता है। फिर मुलाकात को Cancel कर दिया जाता है। तिहाड़ Jail के अधिकारी मोदी सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं’’।
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इस सरकार में काम करना मुश्किल
राजकुमार आनंद ने कहा कि ”उन्होंने आम आदमी पार्टी इसलिए ज्वाइन की थी क्योंकि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे, अब वह इस बात से निराश हैं कि पार्टी खुद ही भ्रष्टाचार के जाल में फंस गई है। उन्होंने आगे कहा कि, अरविंद केजरीवाल ने रामलीला मैदान में खड़े होकर कहा था कि राजनीति बदलेगी तो देश बदलेगा, लेकिन बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज राजनीति नहीं बदली लेकिन राजनेता बदल गया। मैनें अपना मैं इस वजह से इस्तीफा दे रहा हूं”।
मैं इस वजह से इस्तीफा दे रहा हूं
राजकुमार आनंद ने आगे कहा कि ”मैं नहीं समझता कि हमारे पास शासन करने की कोई नैतिकता बची है। बाबा साहेब के आदर्शों के कारण मैं पार्टी के साथ आया था, लेकिन इस पार्टी में दलित आदि का सम्मान नहीं है। इसमें कहीं भी दलित व पिछड़े का प्रतिनिधित्व नहीं है। इन कारणों से मेरा इस पार्टी में रहना मुश्किल हो गया है, इसलिए मैं पार्टी और अपने मंत्री पद दोनों से इस्तीफा दे रहा हूं”।
पिछले साल पड़ा था ED का छापा
बता दें कि साल नवंबर में जब ED ने केजरीवाल को शराब घोटाले में पूछताछ के लिए बुलाया था तो इससे ठीक पहले ED ने मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर भी छापा मारा था। ED की टीम ने आनंद के सिविल लाइंस स्थित आधिकारिक आवास समेत 9 जगहों पर छानबीन की थी। उस छानबीन में सामने आया था कि, ED की टीम ने राजकुमार आनंद के बिजनेस से जुड़े मामले में छापेमारी की थी। इसके तहत राजकुमार आनंद पर हवाला लेनदेन में शामिल होने का भी शक था। वहीं इस छापेमारी को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था।
राजकुमार आनंद ऐसे हुए पार्टी में शामिल
राजकुमार आनंद साल 2020 में पहली बार पटेल नगर सीट से विधायक बने थे। इससे पहले आनंद की पत्नी वीना आनंद भी इसी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं। दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की जगह राजकुमार आनंद को कैबिनेट में शामिल किया गया था। बौद्ध सम्मेलन के एक कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी की गई थी। राजेंद्र पाल गौतम भी उस कार्यक्रम में मौजूद थे। जिसके बाद राजेंद्र का लोगों ने बहुत विरोध किया। उनके रहते हुए कैसे किसी ने हिंदू देवी-देवताओं पर अभद्र टिप्पणी कर दी? इस कारण राजेंद्र गौतम को कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था।