April 27, 2024

#World Cup 2023     #G20 Summit    #INDvsPAK    #Asia Cup 2023     #Politics

क्या Lok Sabha Election 2024 पर पड़ेगा Mukhtar की मौत का असर, जीत पाएगी भाजपा?

0
Mukhtar UP

Mukhtar UP

Mukhtar Ansari Death: 63 साल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत से पूर्वांचल में सबको हैरानी हो रही है। लोकसभा चुनाव भी आ रहे है ऐसे में मुख्तार का मरना यूपी की राजनीति के लिए बुरा साबित हो सकता है। जिसका असर यूपी की कई सीटों पर भी देखने को मिल सकता है। पूरे यूपी में जहां मुख्तार के नाम का बोल-बाला चलता था एक पत्ता तक उसके वगैर नहीं हिलता था। आज उस बाहुबली की यूपी के अस्पताल में बिमारी के कारण मौत हो चुकी है। मुख्तार यूपी के बांदा जेल में कैद था। गुरुवार 28 मार्च की रात अंसारी को दिल का दौरा पड़ा और अस्पताल पहुंचते ही उसे मृत घोषित कर दिया गया।

यूपी की सीटों पर दबदबा

मुख्तार का माफिया राज पूरे यूपी में फैला हुआ था खास कर पूर्वांचल में उसका बोलबोला था। उसका माफिया नेटवर्क इतना तगड़ा था कि वह एक फोन करता और जिसकी सुपारी देता तुरंत उसे मौत के घाट उतार दिया जाता, चाहे वह दुनिए के किसी भी कोने में छुपा क्यों न बैठा हो? मुख्तार उसे ढूंढ ही निकालता था। मुख्तार का चुनावी नेटवर्क भी बहुत बड़ा था। उत्तर प्रदेश के मऊ से यह 5 बार विधायक रह चुका था। मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) ने भी मुख्तार को 2 बार टिकट दिया था। वहीं मऊ के अलावा भी यूपी की कई सीटों पर मुख्तार अंसारी का दबदबा था। उन सीटों में वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली, आजमगढ़ और बलिया का नाम शामिल है। मुख्तार लहर की आंधी तो 2024 में भी कायम थी जिस दौरान मोदी लहर थी। यूपी की कुछ सीटों पर मुख्तार का दबदबा जस का तस बना रहा। मोदी लहर भी मुख्तार के खौफ को नहीं कम कर पाई। लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ की यूपी की सियासत में मुख्तार फीका पड़ने लगा?

Also Read: Mukhtar Ansari की मौत के बाद बौखलाया विपक्ष, जांच की मांग कर दी श्रद्धांजलि, योगी का हाई अलर्ट जारी

 

यूपी की बागडोर मुख्तार के हाथों से कैसे छुट्टी?

 

यूपी में मुख्तार के अंत की शुरुआत 2014 से हो गई थी। यूपी के वाराणसी से प्रधानमंत्री ने चुनाव जीता और काशी के संसद बन गए। वहीं बलिया में बीजेपी उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सनातन पांडे को चुनाव में मात दे दी। तब जाके काशी और बलिया से मुख्तार के गुंडे राज का खात्मा होना शुरु हुआ। ऐसे में वाराणसी और बलिया मुख्तार के हाथ से निकल गया। इसके अलावा चंदौली की सीट भी बीजेपी के पास आ गई, जहां से बीजेपी नेता डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे लगातार दो बार सांसद बन चुके हैं।

इन सीटों पर दबदबा कायम

 

वाराणसी, बलिया और चंदौली के अलावा बाकी की सीटों पर मुख्तार अंसारी का दबदबा बरकरार ही रहा। 2019 के आम चुनावों में भी इसका दबदबा कायम था। गाजिपुर की सीट को देखें तो यहां से मुख्तार के भाई अफजल अंसारी ने बीजेपी नेता मनोज सिन्हा को हराया था। वहीं जौनपुर से बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव ने बीजेपी नेता कृष्ण प्रताप सिंह को मात दे दी थी। इसके बाद आजमगढ़ से भी बीजेपी उम्मीदवार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को सपा सुप्रीमो आखिलेश यादव से हार का सामना करना पड़ा था। अब देखते हैं क्या मुख्तार की मौत के बाद 2024 के लोकसभा चुनाव में मुख्तार की हुकूमत वाली यूपी की इन सीटों पर बीजेपी को जीत मिलेगी? या मुख्तार की मौत के बाद भी गाजीपुर, जौनपुर और आजमगढ़ की सीट बीजेपी की पहुंच से और दूर ही जाएंगी?

 

Also Read: Mukhtar Ansari समेत यूपी के इन माफिया डॉन का हुआ खात्मा, जानें कैसे खत्म हुआ इनका गुंडा राज?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *