उद्धव ठाकरे ने भाजपा को दी चुनौती, कहा- हिम्मत है तो मध्यवर्ती चुनाव में……..

महाराष्ट्र विधानसभा में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के विश्वास मत जीतने के बाद शिवसेना अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav thackeray) ने सोमवार को भाजपा और सीएम एकनाथ शिंदे पर जमकर हमला बोला। ठाकरे (Uddhav thackeray) ने कहा कि हिम्मत है तो मध्यवर्ती चुनाव में आओ और लड़ो। ऐसे खेल को खेलने की बजाय चलो जनता के दरबार में चलते हैं, हम गलत हुए तो लोग हमें घर पर ही बिठा देंगे, अगर आप गलत हो तो लोग आपको घर पर बिठा देंगे।
संविधान को तोड़ने की है कोशिश
उद्धव ठाकरे (Uddhav thackeray) ने अपने बयान में भारतीय जनता पार्टी के ऊपर संविधान को तोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया. उद्धव ठाकरे ने कहा,
अभी जो हो रहा है वह इस तथ्य पर आधारित है कि डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के संविधान को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। देश की आजादी के अमृत जयंती वर्ष में महाराष्ट्र में जो शुरू हुआ है, उसके बारे में सभी सच बोलें। विधानसभा का मनमाना आचरण संविधान का अपमान है।
लड़ना है तो मेरे साथ रहिए- उद्धव ठाकरे
उद्धव (Uddhav thackeray) ने पार्टी के जिला अध्यक्षों से कहा कि लड़ना है तो मेरे साथ रहिए। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरोप लगाया कि शिवसेना को खत्म करने का प्रयास किया गया। बता दें कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना में बगावत के बाद पिछले दिनों मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इसके बाद बागी गुट का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। जिसके बाद 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। कल उन्होंने विधासभा में बहुमत भी साबित कर दिया।
164 विधायकों ने पक्ष में किया मतदान
288 सदस्यीय विधानसभा में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। तीन विधायक मतदान से दूर रहे। वहीं कांग्रेस के अशोक चव्हाण और विजय
वडेट्टीवार समेत 21 विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहे। शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या घटकर 287 हो गई है। इसलिए बहुमत के लिए 144 मतों की आवश्यकता थी।