भारत में तेजी से पैर पसार रहा है H3N2 इन्फ्लुएंजा, अब तक दो लोगों की मौत, भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
H3N2 variant virus: देश में एच3एन2 (H3N2) का वायरस खतरनाक साबित होता दिखाई दे रहा है. वायरस के कारण भारत में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है. एच3एन2 (H3N2) वायरस से हरियाणा में एक व्यक्ति की मौत हुई है तो वहीं, कर्नाटक में दूसरी मौत हुई है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ माह से देश में फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं. अधिकांश संक्रमण एच3एन2 (H3N2) वायरस के कारण हुए हैं, जिसे हांगकांग फ्लू के नाम से भी जाना जाता है. जो, इन्फ्लुएंजा A का सबटाइप बताया जा रहा है.
आईएमए ने जारी की एडवाइजरी
Fever cases on rise – Avoid Antibiotics pic.twitter.com/WYvXX70iho
— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) March 3, 2023
एच3एन2 (H3N2) वायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एडवाइजरी जारी की है. इस बीमारी में आपको तेज बुखार, तेज सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में दर्द, तेज खांसी, सर्दी जुकाम फेफड़े जाम पड़ जाने सी परेशानियां होती हैं. अगर आपको भी ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो डॉक्टर से संपर्क कीजिए.
क्या है एच3एन2 इन्फ्लुएंजा वायरस?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक 2009 के एच1एन1 महामारी वायरस से मैट्रिक्स की पहचान की गई थी. इसके साथ ही इसे इन्फ्लुएंजा ए एच3एन2 एच3एन2 (H3N2) वैरिएंट वायरस जिसे “एच3एन2वी” वायरस के रूप में भी जाना जाता है. यह पहली बार जुलाई 2011 में लोगों में पाए गए थे. वायरस को पहली बार 2010 में अमेरिका में सूअरों में पहचान की गई थी. 2011 के दौरान, एच3एन2 (H3N2) वायरस से 12 लोगों के संक्रमित होने का पता चला था.
एच3एन2 संक्रमण से होती हैं ये परेशानियां
Influenza A subtype H3N2 is the major cause of current respiratory illness. ICMR-DHR established pan respiratory virus surveillance across 30 VRDLs. Surveillance dashboard is accessible at https://t.co/Rx3eKefgFf@mansukhmandviya @DrBharatippawar @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes pic.twitter.com/3ciCgsxFh0
— ICMR (@ICMRDELHI) March 3, 2023
विशेषज्ञों के मुताबिक एच3एन2 (H3N2) इन्फ्लुएंजा से प्रभावित लोगों को बुखार, खांसी, गले में खराश, बहती या भरी हुई नाक, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगना और थकान जैसे लक्षण दिखाई दिए जा सकते हैं. कुछ मामलों में लोगों को उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं. ये लक्षण आमतौर पर लगभग एक सप्ताह तक रह सकते हैं. विशेषज्ञों ने कहा, हालांकि कुछ लोगों में लक्षण अधिक समय तक भी रह सकते हैं.
वायरस से बचने के लिए बरते सावधानियां
डॉक्टरों द्वारा एच3एन2 (H3N2) वायरस से पीड़ित होने पर मरीज को नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने समेत कोविड जैसी सावधानियों की सलाह दी जा रही है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने छींकने और खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने, आंखों और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल लेने की सलाह दी है.
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